एसबीयू के शिक्षक व छात्र पहुंचे एआईटी बैंकॉक, शैक्षणिक सहयोग की दिशा में ऐतिहासिक कदम

  Ranchi :  सरला बिरला विश्वविद्यालय (SBU) ने वैश्विक शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल करते हुए अपने 21 सदस्यीय शिष्टमंडल को थाईलैंड के प्रतिष्ठित एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (AIT), बैंकॉक में शैक्षणिक सहयोग के तहत भेजा है. यह दौरा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सी जगनाथन के नेतृत्व में हो रहा है.

 

AIT, जिसकी स्थापना वर्ष 1959 में हुई थी, इंजीनियरिंग, पर्यावरण, प्रबंधन और तकनीकी अनुसंधान के क्षेत्र में एशिया के अग्रणी संस्थानों में शामिल है. एसबीयू के इस शिष्टमंडल में डीन डॉ. संदीप कुमार, डॉ. मनोज पांडेय, डॉ. रिया मुखर्जी, डॉ मीरा वर्मा, डॉ. बी. सामंता समेत कई संकाय सदस्य और इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, कॉमर्स व बिजनेस मैनेजमेंट के छात्र भी शामिल हैं.

 

शैक्षणिक सहयोग के तहत दोनों संस्थानों के बीच एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किये जायेंगे. इसके अलावा 16 जून से प्रारंभ हो रहे फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम और ग्लोबल एआई इनोवेशन इंटर्नशिप प्रोग्राम में एसबीयू के प्रतिभागी सक्रिय भागीदारी करेंगे.

 

इस दौरे के माध्यम से छात्र मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजाइन थिंकिंग, साइबर सुरक्षा, संवाद कौशल एवं अनुसंधान विधियों में व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करेंगे. साथ ही वे थाईलैंड की अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और औद्योगिक संस्थानों का भ्रमण कर वैश्विक कॉर्पोरेट दुनिया से भी रूबरू होंगे.

 

शिक्षकों को भी इस दौरे के दौरान नवाचार, तकनीकी शिक्षण, शोध गुणवत्ता और वैश्विक शैक्षणिक दृष्टिकोण के क्षेत्रों में गहन अनुभव प्राप्त होगा. वे इंटरैक्टिव लर्निंग और बड़े भाषा मॉडल्स (LLMs) जैसे आधुनिक शैक्षणिक उपकरणों के व्यावहारिक पक्षों से भी परिचित होंगे.

 

इस सहयोग को साकार रूप देने में AIT के प्रो. नितिन कुमार त्रिपाठी एवं डॉ. ऋषि जैन, तथा एसबीयू की ओर से प्रो. सी जगनाथन, महानिदेशक प्रो गोपाल पाठक और निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा की अहम भूमिका रही. उल्लेखनीय है कि AIT ने कुल लागत पर 60फीसदी सब्सिडी प्रदान की है, जबकि एसबीयू प्रबंधन ने प्रतिभागियों को आंशिक वित्तीय सहायता दी है.

 

एसबीयू की कुलाधिपति जयश्री मोहता, प्रतिकुलाधिपति बी. के. दलान तथा बीओजी सदस्य अनंत जाटिया ने सभी प्रतिभागियों को इस वैश्विक अनुभव के लिए  शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने आशा व्यक्त की है कि यह पहल झारखंड के शैक्षणिक परिदृश्य में एक मील का पत्थर साबित होगी.