New Delhi : सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने सिमी की याचिका सुनने से इनकार कर दिया है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) न्यायाधिकरण के फरवरी 2024 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है. यानी स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध बरकरार रहेगा.
The Supreme Court has dismissed a plea challenging the February 2024 order of the Unlawful Activities (Prevention) Tribunal that confirmed the Central government’s declaration that held the Students Islamic Movement of India (SIMI) as an unlawful association under the UAPA.
— ANI (@ANI) July 14, 2025
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सिमी ने प्रतिबंध को पांच साल बढ़ाने के ट्रिब्यूनल के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. बता दें कि ट्रिब्यूनल ने माना था कि सिमी युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ रहा है. यह भी कहा था कि सिमी के लश्कर-ए-तैयबा, अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों से संबंध हैं.
सिमी पर देश में कई आतंकी घटनाओं में शामिल रहने का आरोप है. जनवरी 2024 में भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) 1967 की धारा 3(1) के तहत सिमी पर प्रतिबंध को अगले 5 वर्षों के लिए बरकरार रखा था.
इससे पूर्व गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर कहा था कि सिमी पर राजपत्र अधिसूचना संख्या एस.ओ. 564(ई), 31 जनवरी 2019 के माध्यम से अगले 5 वर्षों के लिए प्रतिबंध लगाया गया है.