140वें संत मार्गरेट दिवस पर संत पॉल्स कैथेड्रल चर्च में होगी जागरण आराधना

Basant Munda

Ranchi : बहुबाजार स्थित संत मार्गरेट दिवस पर 19 जुलाई को संत मार्गरेट हाई स्कूल का जागरण आराधना संत पॉल्स कैथेड्रल चर्च में होगी. इसको लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है. वहीं संत मार्गरेट यूपी कन्या पाठशाला में 21 जुलाई को मनाया जाएगा. छात्रों के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा. बेहतर करने वाले विद्यार्थियों के बीच पुरस्कार दिए जायेंगे.

 

 

जानें कौन हैं संत मार्गरेट 

 

पिसीरिया के अन्ताकिया में एक कट्टर पुजारी की बेटी थी. लड़की के माता का देहांत हो गया. पुजारी के परिवार में उन दोनों के सिवाय और कोई नहीं था. वे खोज कर रहे थे, जो बच्ची का पालन-पोषण कर सके. उन्होंने अपनी बच्ची को एक गरीब ईसाई दम्पति को सौंप दिया. ईसाई दम्पति को पर्याप्त धन दिया. बच्ची के लालन-पालन के लिए प्रयोग में आनेवाली सभी सामग्रियां दीं. दम्पति ने बच्ची का नाम मार्गरेट रखा.

 

वे सुबह-शाम ईश्वर से प्रार्थना करते एवं बाईबल पढ़ते थे. मार्गरेट भी उनको देखकर उसी तरह करती थी. मार्गरेट जब बड़ी हुई तो वह भी ईश्वर की आराधना में लीन रहने लगी. यीशु मसीह के जीवन, उसके उपदेशों और अद्भुत कर्मों और दुःख भोग की कहानी सुनकर बहुत प्रभावित हुई. उसके शुद्ध और पवित्र मन में प्रभु यीशु के प्रति श्रद्धा और भक्ति बढ़‌ती गई.

 

अब उसने यीशु मसीह को अपना स्वामी, मार्गदर्शक स्वीकार कर लिया. उसकी सुन्दरता सभी के लिए चर्चा का विषय था. मार्गरेट माता-पिता के कामों में हाथ बंटाती थी. वह जंगलों में भेड़ चराने जाया करती थी. सांसारिक ईर्ष्या द्वेष से दूर थी, बिल्कुल शुद्ध और पवित्र थी.

 

मार्गरेट का अर्थ मोती 

 

संत मार्गरेट यूपी कन्या पाठशाला के शिक्षको बताया कि प्रभु यीशु मसीह के लिए उन्होंने बलिदान दिया है. वे अपने विश्वास में दृढ़ रही है. वह निष्कलंक थी. उनका शरीर, मन, पवित्र  और आचरण उदार था. शुद्ध पवित्र जीवन के लिए संत में गिनी गई. मार्गरेट का अर्थ मोती  होता है.

 

संत मार्गरेट के जीवन से संबंधित सत्य प्रेमी औऱ शुद्ध रखा गया. इसी उद्देश्य को पूरा करने वाले संत मार्गरेट की हर छात्रा संत मार्गेरेट की तरह शुद्ध जीवन व्यतीत करे. विद्यालय संरक्षिका के रूप में शुद्ध सात्विक जीवन जीने के लिए वह प्रत्येक छात्रा की अगुवाई करती है.