Ranchi: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के छठे दिन बजट पर हुई चर्चा में बाबूलाल मरांडी ने बजट के विपक्ष में बोलते हुए कांग्रेस, राजद, सहित सीएम को निशाने पर रखा. कहा कि वित्त मंत्री ने बजट भाषण में एक बार भी अटल बिहारी वाजपेयी की नाम नहीं लिया. कांग्रेस ने झारखंडवासियों की आवाज कभी नहीं सुनी.
राजद पर तंज कसते हुए कहा कि उनके नेता बोलते थे कि मेरी लाश पर झारखंड बनेगा. वित्त मंत्री ने जिस पियुष मिश्रा की कविता पढ़ी उस पर मैनें पाया कि गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म से ली गई है. सरकार की यही सोच हैं.
सीएम पर तंज कसते हुए कहा कि किन कारणों से जेल गए, सभी को पता है. बजट में गांधी और अंबेदकर का भी जिक्र नहीं किया. जहां तक सेंट्रल शेयर की बात है तो 21-22 में 125.71 फीसदी, 22-23 में 116. 28 फीसदी और 23-24 में 110.58 फीसदी राज्य सरकार को शेयर मिला. अब प्रमाण पत्र नहीं भेजेंगे तो पैसा कहां से मिलेगा.
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बाबूलाल और इरफान आमने-सामने
मरांडी ने कहा कि बजट में सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर कोई ध्यान नहीं दिया. स्वास्थ्य और शिक्षा की स्थिति खराब है. जिला हॉस्पिटल में ऑपरेशन नहीं होता है. आयुष्मान कार्ड पर भी सवाल खड़े किए. इस पर इरफान अंसारी ने कहा कि अगर कोई सुझाव है तो दीजिए. आपकी बातों में फैक्टस नहीं है. बेवजह की बात कह रहे हैं.
भाजपा के नेता दो-दो कमरे में हॉस्पिटल चला रहे. बाबूलाल ने कहा कि राज्य में डॉक्टर के स्वीकृत 3334 पदों के विरुद्ध मात्र 2210 डॉक्टर कार्यरत हैं. दुमका मेडिकल कॉलेज में शिक्षकों के 70, पलामू मेडिकल कॉलेज में 71 और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में शिक्षकों के 65 पद रिक्त हैं.
तो दौड़ते ही रह जाएंगे
बाबूलाल ने कहा कि राज्य सरकार अगर 1,36,000 करोड़ की बकाया राशि के लिए सार्थक प्रयास नहीं करती है तो 5 साल तक दौड़ते ही रह जाएगी. झारखंड सरकार को सीसीएल, बीसीएल जैसी कोयला कंपनियों के साथ बातचीत करनी होगी और कितना कब का बकाया है, इस आंकड़े को ढूंढना होगा. उन्होंने राशि की प्राप्ति के लिए राज्य सरकार को प्रॉपर चैनल से प्रयास करना होगा. कितना कब का बकाया है इस आंकड़े को ढूंढना होगा. नहीं तो सरकार 5 साल तक बयानबाजी की राजनीति करती रह जाएगी.
राज्य की आर्थिक स्थिति पर चिंता
झारखंड में 41 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं. कृषि क्षेत्र में फरवरी माह तक 54 फ़ीसदी राशि खर्च हुई है. आईटी डिपार्टमेंट द्वारा मात्र 7.45 फीसदी का खर्च किया गया है. पेयजल विभाग द्वारा मंत्र 18.56 फीसदी खर्च किया गया है.
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