Ranchi : लैंड स्कैम केस के आरोपी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. बुधवार की सुनवाई के दौरान ED की ओर से बहस पूरी कर ली गई थी. हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय की कोर्ट में सुनवाई हुई. गुरुवार को ED की ओर से बहस कर रहे वरीय अधिवक्ता एस वी राजू ने कोर्ट को बताया कि हेमंत सोरेन के इशारे पर ही ED के अधिकारियों के ऊपर झूठे मुकदमे दर्ज करवाए गए. एक केस उन्होंने खुद ED के अधिकारियों पर किया है. हेमंत सोरेन भूमि घोटाला के सबसे बड़े लाभुक हैं, इसलिए इन्हें बेल नहीं दी जानी चाहिए. वहीं हेमंत सोरेन की ओर से वरीय अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने ED की दलीलों को दरकिनार करते हुए कहा कि सदर थाना में जो मामला दर्ज हुआ है, उसकी जांच अभी बाकी है. हम अभी बेल मांग रहे हैं.केस की मेरिट पर फिलहाल जाने की जरूरत नहीं है.
PMLA कोर्ट ने ED की चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है. कानून में निहित प्रावधानों के तहत बदली हुई परिस्थितियों में हमने बेल पिटीशन फाइल की है. भानू के पास से जो दस्तावेज बरामद हुए थे, उसमें हेमंत सोरेन का नाम कहीं भी नहीं था. जिस भूमि की बात की जा रही है उसका एक भी टुकड़ा हेमंत सोरेन के नाम पर नहीं है. हेमंत सोरेन का जन्म वर्ष 1975 में हुआ और इस भूमि की खरीद-बिक्री 1970 के आसपास ही हो गई थी. बैंकवेट का नक्शा जिस कंपनी ने बनाया है उसमें किसी क्लाइंट का नाम नहीं है. ED का केस पूरी तरह बेबुनियाद है. इसलिए हमें बेल मिलनी चाहिए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की पत्नी और गाँडेय की नवनिर्वाचित विधायक कल्पना सोरेन भी कोर्ट रूम में मौजूद थीं.
बता दें कि हेमंत सोरेन को इस्तीफा देने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 31 जनवरी की रात को गिरफ्तार कर लिया गया था. वही इसी केस में अफसर अली, जेएमएम नेता अंतू तिर्की, प्रियरंजन सहाय, विपिन सिंह और इरशाद समेत अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी हो चुकी है.
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