NewDelhi : मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना आज मंगलवार, 13 मई को रिटायर हो रहे हैं. जज के रूप में आज उनका अंतिम कार्यदिवस है. उन्होंने कहा है कि रिटायर होने के बाद वह कोई भी आधिकारिक पद स्वीकार नहीं करेंगे.
रिटायर होने से पूर्व आज वह सुप्रीम कोर्ट में मीडियाकर्मियों से मिले. एक प्रश्न के जवाब में कहा, मैं सेवानिवृत्ति के बाद कोई पद स्वीकार नहीं करूंगा. संकेत दिया कि कानून के क्षेत्र में काम करेंगे.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली हाई कोर्ट के तत्कालीन जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर मिले करोड़ों के कैश और कथित भ्रष्टाचार के आरोपों से निपटने को लेकर उन्होंने कहा,”न्यायिक सोच निर्णायक और निर्णयात्मक होनी चाहिए. हम प्लस और माइनस देखते हैं और फिर तर्कसंगत तरीके से मुद्दे पर निर्णय लेते हैं,
14 मई, 1960 को जन्मे जस्टिस खन्ना के पिता देव राज खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट के जज रह चुके हैं, उनकी मां सरोज खन्ना लेडी श्री राम कॉलेज में लेक्चरर थीं. वह सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एचआर खन्ना के भतीजे हैं, जिन्होंने केशवानंद भारती (1973) में मूल संरचना सिद्धांत का प्रतिपादन किया था.
आपातकाल के दौरान एडीएम जबलपुर बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले (1976) में एकमात्र असहमति व्यक्त की थी. बदले में जस्टिस एचआर खन्ना को जनवरी 1977 में भारी कीमत चुकानी पड़ी थी, उन्हें CJI नहीं बनने दिया गया था.
जस्टिस खन्ना के पास जज और वकील के तौर पर तीन दशकों से अधिक का लंबा अनुभव है. जून 2005 में, जस्टिस खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट के एजिशनल जज के रूप में पदोन्नत हुए थे.
फरवरी 2006 में वे स्थायी न्यायाधीश बने. जनवरी 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट भेजा गया. पिछले साल ही जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के बाद नवंबर 2024 में वे देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश बने.
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