- विधि- व्यवस्था को लेकर डीसी-एसपी के साथ की समीक्षा बैठक
Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को राज्य में विधि- व्यवस्था को लेकर सभी जिलों के डीसी और एसपी के साथ प्रोजेक्ट भवन में समीक्षा बैठक की. कहा कि उग्रवाद पर नियंत्रण झारखंड की बेहतर पुलिसिंग का परिणाम है. उन्होंने उग्रवाद, अपराध, अवैध खनन और मादक पदार्थों की तस्करी पर नियंत्रण की समीक्षा के क्रम में अधिकारियों को कई अहम निर्देश दिए.
क्रिएटिविटी और सतर्कता से विधि- व्यवस्था का बेहतर संधारण संभव
समीक्षा बैठक के दौरान सीएम ने अधिकारियों से कहा – आपकी सूझबूझ, आपकी कार्यशैली, आपका सूचना तंत्र, आपकी क्रिएटिविटी एवं सतर्कता से विधि- व्यवस्था का बेहतर संधारण संभव है. कानून व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के लिए जो भी संसाधन और जरूरतें होंगी, उसे पूरा करेंगे. कहा कि अपराध के चेहरे हर दिन बदल रहे हैं. नई चुनौतियां आपके सामने आ रही हैं. इतना ही नहीं भविष्य में भी कई नई चुनौतियां आपके सामने आएंगी. ऐसे में वर्तमान चुनौतियों से निपटने के साथ भविष्य की चुनौतियों से निपटने की रणनीति अभी से बनाना शुरू कर दें.
उग्रवाद पर नियंत्रण पुलिस की बड़ी कामयाबी
सीएम ने कहा कि कभी झारखंड देश के सबसे उग्रवाद प्रभावित राज्यों में जाना जाता था. लेकिन, आज स्थिति इसके विपरीत है. राज्य में उग्रवाद का लगभग सफाया हो चुका है. यह हमारी सबसे बड़ी जीत है और यह हमारी बेहतर पुलिसिंग का ही नतीजा है. पुलिस की सराहना करते हुए कहा कि उग्रवाद से निपटने में झारखंड की पुलिस ने देश की सबसे बेहतर पुलिस के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई है. अब सोसाइटी को भी सुरक्षित रखने में आपको ऐसी ही जिम्मेदारी निभानी होगी. राज्य में कानून और व्यवस्था बेहतर बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने की जरूरत है. इस सिलसिले में असामाजिक तत्वों का डेटाबेस भी तैयार किया जाना चाहिए, ताकि राज्य के किसी भी हिस्से में अगर किसी वजह से तनाव की स्थिति बनती हो, तो इसे नियंत्रित करने के लिए असामाजिक तत्वों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई हो सके.

डीसी और एसपी के बीच बेहतर समन्वय से आएगी मजबूती
सीएम ने कहा कि किसी भी जिले में डीसी और एसपी के बीच बेहतर समन्वय से ही कानून एवं व्यवस्था तथा अपराध नियंत्रण को मजबूती मिलती है. इसी तरह इनका अपने निकटवर्ती जिलों के डीसी और एसपी के साथ मुख्यालय से भी लगातार समन्वय बना रहे. सीएम ने कहा कि इस बैठक में आपने जो सुझाव दिए हैं, उस पर सरकार विचार करेगी. अगर कोई कानून अपनी हाथों में ले, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो, क्योंकि विधि- व्यवस्था बनाए रखना सरकार की विशेष प्राथमिकता है.
कांडों की विस्तार से एनालिसिस करें
सीएम ने विभिन्न आपराधिक कांडों- हत्या, डकैती, लूट, छिनतई, चोरी, साइबर अपराध, महिला हिंसा, एससी एसटी उत्पीड़न से जुड़े मामले, अपहरण, पोक्सो एक्ट, दुष्कर्म और मानव तस्करी जैसे मामलों में दर्ज कांडों की विस्तार से समीक्षा करते हुए पुलिस पदाधिकारियों को इसका विस्तार से एनालिसिस करने को कहा. इससे अपराध के पीछे की मुख्य वजह सामने आएगी और इसका निपटारा न्यायपूर्ण तरीके से हो सकेगा.
एक्शन प्लान बनाने का निर्देश दिया
ज्ञात हो कि 30 अप्रैल 2023 तक पिछले एक वर्ष में पूरे राज्य में कुल 20446 कांड दर्ज किए गए हैं. सीएम ने राज्य में दर्ज विभिन्न कांडों की संख्या, लंबित कांडों और वारंट, उसके अनुसंधान एवं सुपरविजन से जुड़ी जानकारी पुलिस पदाधिकारियों से ली. उन्होंने लंबित कांडों की संख्या में कमी लाने के लिए एक्शन प्लान बनाने का निर्देश दिया. इसके अलावा अपराधों के अनुसंधान के लिए अनुसंधान पदाधिकारी (आईओ) के साथ सहायक अनुसंधान पदाधिकारी भी बनाने के निर्देश दिए .इससे कांडों के अनुसंधान में तेजी लाई जा सकती है.
धनबाद, पाकुड़, साहिबगंज व देवघर में सजा की दर काफी कम
झारखंड में दर्ज विभिन्न कांडों में सजा की दर काफी कम होना चिंताजनक है. ऐसे में विभिन्न कांडों में अनुसंधान की क्वालिटी को बेहतर बनाने का सीएम ने पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिया, ताकि सजा की दर बढ़ सके. उन्होंने कहा कि धनबाद, पाकुड़, साहिबगंज देवघर जैसे जिलों जहां सजा की दर काफी कम है, वहां के लिए पुलिस मुख्यालय से भी पुलिस पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किए जाएं.
अवैध खनन रोकना सरकार की प्राथमिकता
सीएम ने कहा कि अवैध खनन को लेकर सरकार काफी गंभीर है. विशेषकर कोयला, बालू, लौह अयस्क और पत्थर के अवैध खनन और उसके ट्रांसपोर्टिंग रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं. मुख्यमंत्री ने इस दिशा में जिला टास्क फोर्स को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए. इस मौके पर खनन सचिव के द्वारा अवैध खनन रोकने की दिशा में की जा रही कार्रवाई से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया. सीएम ने कहा पुलिस- प्रशासन और आम लोगों के बीच कम्युनिकेशन गैप होने से समस्याएं बढ़ती हैं. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में जिला परिषद सदस्य, मुखिया, सांसद और विधायक प्रतिनिधि और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर पुलिस सोशल एक्टिविटीज को मिशन मोड में ऑर्गेनाइज करे. इससे लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने में काफी मदद मिलेगी, वहीं अलग-अलग तरीकों के अपराधों पर भी नियंत्रण करने में आसानी होगी.
अधिकारियों को दिए गए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश
- नाइट पेट्रोलिंग और चेकिंग अभियान को बढ़ाने और नियमित रूप से करें.
- सोशल पुलिसिंग को मजबूत और बेहतर बनाने के साथ ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हो.
- सभी जिले अपनी पूरी पुलिस सेटअप को रिव्यू कर सरकार को प्रपोजल भेजें , ताकि बेहतर पुलिसिंग के लिए जरूरी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके.
- 4 से 5 वर्ष पुराने एक भी केस लंबित नहीं रहे, इसे सुनिश्चित करें.
- लंबित वारंट कुर्की जब्ती और सीसीए से जुड़े मामलों के निष्पादन के लिए विशेष ड्राइव चलाएं.
- संगठित आपराधिक गिरोह के सक्रिय अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष स्ट्रेटजी बनाकर कार्रवाई करें.
- जेलों में योजनाबद्ध तरीके से नियमित रूप से निरीक्षण और औचक छापेमारी करें.
- दूसरे राज्यों से अवैध शराब और मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए दूसरे राज्यों से सटे जिलों और जीटी रोड के किनारे अवस्थित जिलों को विशेष सतर्कता बरतने और लगातार छापेमारी करें.
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