Dhanbad : झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से विकास पथ पर बढ़ रहा है. पीएम ने झारखंड में बने तसर सिल्क के कपड़े को अमेरिकी राष्ट्रपति को भेंट कर राज्य का गौरव बढ़ाया है. आज पूरा विश्व झारखंड़ को जानने लगा है. राज्यपाल धनबाद जिले के उग्रवाद प्रभावित टुंडी के भोजूडीह गांव में 25 जून को आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. कहा कि भारत अब विश्व का 5वां सबसे आर्थिक संपन्न देश बन गया है., प्रधानमंत्री ने ग्रामीण महिलाओं को ध्यान में रख उनके लिए मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन व हर घर नल-जल योजना की शुरुआत की. राज्यपाल ने ग्रामीणों से शराब से दूर रहने और अपनी आमदनी बच्चों की पढ़ाई व परिवार के उत्थान पर खर्च करने की अपील की.
उन्होंने कहा कि शिक्षा पर सरकार का विशेष जोर है. जनसंख्या व आबादी के अनुपात में देश में सबसे ज्यादा स्कूल झारखंड़ में हैं. टुडी को एक एकलव्य विधालय की सौगात मिली है. उन्होंने स्कूल छोड़ने वाले बच्चों (ड्रॉप आउट) को दोबारा स्कूल भेजने की सीख दी. एक छात्र के सवाल पर कहा कि अंग्रेजी हमारी मातृभाषा नहीं है, लेकिन अंग्रेजी जरूर सीखें और जब भी मौका मिले अंग्रेजी में बोलें भी, क्योंकि यह ग्लोबल भाषा है. इससे पूर्व राज्यपाल का स्वागत पांरपरिक आदिवासी रीति-रिवाज से किया गया.
टुंडी में पलायन सबसे बड़ी समस्या : मथुरा महतो
कार्यक्रम में टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि पलायन टुंडी की सबसे बड़ी समस्या है. सरकार को इसे रोकने के लिए गंभीरता से विचार करना चाहिए. इसके लिए क्षेत्र में शिक्षा व स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने राज्यपाल के जनसंवाद कार्यक्रम की तारीफ की. मौके पर डीसी संदीप सिंह, एसएसपी संजीव कुमार, ग्रमीण एसपी रेशमा रमेशन, डीडीसी शशि शेखर, बीडीओ संजीव कुमार, डीएफओ विमल पालिवाल, मुखिया जयनरायण मंडल आदि मौजूद थे.
कार्यक्रम में कम लोगों को प्रवेश मिलने से नाराज ग्रामीणों ने किया हंगामा, नारेबाजी

कार्यक्रम का आयोजन एक हॉल किया गया था. जगह कम होने के कारण कम लोगों को इंट्री मिली. इससे नाराज लोगों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और इसे जनसंवाद नहीं, बल्कि अधिकारी संवाद कार्यक्रम बताया. कहा कि बिचौलियों को अंदर बैठाया गया है. राज्यपाल ग्रामीणों से बात करने आए हैं पर उन्हें मिलने नहीं दिया गया. प्रवेश नहीं मिलने से मीडिया के लोगों में भी नाराजगी दिखी. पोषण सखियों ने कहा कि राज्य सरकार ने उन्हें बेरोजगार कर दिया है. उन्हें फिर से बहाल किया जाए. कई स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी कार्यक्रम का बहिष्कार किया
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