फैसले पर बंधु का राजनीतिक भविष्य टिका हुआ है
झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर 4 अगस्त 2010 को CBI ने विजिलेंस केस नंबर 09/09 की जांच को टेकओवर करते हुए 11 अगस्त 2010 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की. जांच के बाद 21 मार्च 2013 को CBI ने बंधु तिर्की की आय, संपत्ति और व्यय का विवरण देते हुए क्लोजर रिपोर्ट न्यायालय में जमा की. सीबीआइ की क्लोजर रिपोर्ट पर संज्ञान के बाद 16 जनवरी 2019 को आरोप गठित हुआ. इस केस में बंधु तिर्की को सीबीआइ ने गिरफ़्तार किया था, जिसके बाद इन्हें कई महीने तक जेल की सलाख़ों के पीछे रहना पड़ा था. फ़िलहाल वो हाईकोर्ट के आदेश पर ज़मानत पर हैं. 28 मार्च को न्यायालय क्या फ़ैसला सुनता है, इस पर बंधु का राजनीतिक भविष्य टिका हुआ है. इसे भी पढ़ें – बड़ी">https://lagatar.in/big-news-encounter-in-latehar-three-terrorists-of-tpc-killed/">बड़ीखबर : लातेहार में मुठभेड़, टीपीसी के तीन उग्रवादी ढेर [wpse_comments_template]

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