Sanjay Singh
कोईला नगरी में एगो ललबबुआ हैं. कोईला से ढेरे कमईया कईले हैं. एगो कोईला कंपनी के अफसर लोग के भी ढेरे माल खपाईले-पचाईले रहे हैं ललबबुआ महोदय. ललबबुआ नाम है, तो ई मत समझिएगा कि ई कौनो भकड़मल्लू हैं. भारी रंगबाज हैं. इनके एगो छोटे भाईयो साहिब हैं, ऊ तो औरो रंगबाज हैं. बात-बात में केकरो गरिया देना, केकरो धर के धुन देना ई दुनु भाई लोग के लिए आसान बात हुआ करता था, है… अउरो आगे भी रहबे करेगा. एकरो लोग गांरटी लेले कोईला नगरिया में घूमइत रहता है. अब ललबबुआ जी करिया कोईलवा के करिया-करिया धंधवा से ढेरे माल बटोर लीहिन, तो चाले-ढाल बदल गईस हैं. गीतो गावे लगे हैं, माल है चो चाल है, वर्ना सब कंगाल है. ललबबुआ जी रंगबाजी टाइट रखेला कोइला नगरिया के नेताजी लोगिन के मैनेज कईले रहते थे. मालो-पानी सप्रेम भेंट किया करते थे. लेकिन एगो बाघ मारे वाले जगह के नेताजी केस-मुकदमा, रंगबाजी जईसन ढेरे-ढेरे केस मुकदमवा में फंसे के बावजूद कोइलवा से ढेरे कमाइया कर लीहिन, तो कमल ब्रांड क्लीनिंग पाउडर से धोलाइला के बाद दिल्ली दरबार तक पहुंच गईन. उनका देखादेखी अब ललबबुआ जी के नेतई के सुर धर लीहिस है. आजकल ललबबुआ जी के बोली-वाणी में से रस चुए लगल है. उनके लघु भाई पर अब तनिको शंका करे के जरूरत न रह गईल. उनको बोली में रसगुल्ला टपके लगल हैं. किसी से भी दुनु भाई मेल-मिलाप करते हैं, तो अइसन बतियावे लगते हैं, जईसन लोगबाग अपन मेहरारू से मीठी-मीठी बतियाता है. आजकल ललबबुआ जी के नेतई करेवाला पिलुवा काट ले ले है. बबुआ जी के नेतई पिलुआ काटले है तो का हुआ, उनके ते आगे-आगे सबकुछ लाले लाल दिखाई देले हैं. अब बबुआ लला जी में छिछियाईनी ढुकल है. जा झार के झरिया से लेकेकोइला नगरिया में आजकल जेने-तेने छिछिआईले रहते हैं. कूब आत्मियता से लोगन से मिलते रहते हैं, कउनो चीज के दरकार होने पर फोनवो करेला बोले लगे हैं है. साइकिल से कोई गिर हाथ-पैर छिलवा लीहिस, तो बबुआ लाल झट से पहुंच जाते हैं.
दरअसल बबुआ लाल जी रंगबाजी में पीएचडी के डिग्री हथियाइले रहले, अब तनिका अपन इमेजवा में सुधार कर रहल बाडे़ं राजनीतिक पिलुववा के चलते. ललबबुआ जी आजकल कमल ब्रांड क्लीनिंग पाउडर लगाइले तनिका साफ-सुथरा दिखे के कोशिश में लगल हैं. जब कमल ब्रांड एगो नेताजी से पूछल गिया कि का हो ई बबुआ लाले लाल जी पार्टिया में कब घुसियाइल बाड़ें… तो नेताजी कहिन-अब का कहल जाओ. अब तो मिस कॉल मारे के बा, मिल गईल सदस्यता. केहुं ईहो न पूछे ला कि मिस कॉल मारत बाड़ा, फीस देब… का हो. बबुआ लाल जी अब मिस कॉल मार के मेंबर बन गईल बाड़ें, तो टिकट लगी हंफनी धईले बा. बबुआ लगे ढेरे माल बा, तो लड़िकन आगे-पीछे मंडराईल बाड़ें. कुछुओ भेंटा जाओ, आखिर थोड़े देर जिंदबाद कईला पे माल ठीके-ठाक भेंटा जाता तो हरजा का बा. अब बबुआ लाल जी जा जारके झरिया से कोईल नगरिया से कमल ब्रांड क्लीनिंग पाउडरवा के एजेंसी लगी तड़पड़ाईल बाड़ें. कमल ब्रांड रायशुमारी में ढेरे लग्गू-भग्गू लोगन के साथे पहुंच गईलें. तो ऑरिजनल कमल ब्रांड वाला लोग खिसिया गईल. कहे लागल लोग कि झंड़ा ढोईं हमनी के, टिकट हबके ला अवतरित हो गईले ई बबुआ जी. ई सब न चली. लेकिन ललबबुआ अंकल कुछ कमल ब्रांड लोगन के फंसाईले बांड़ें, ताकि चुनावी समर में किस्मत आजमावे के मौका मिल जाए.
वईसे ई बबुआ लाल जी के आउर उनके छोट जना के करतूत से पूरा कोईला नगरिया वाकिफ बिया. रंगबाजी के मामला हो या ठाईं-ठाईं के मामला हो, ई बबुआ लाल जी के कोई मुकाबला नईखे. कोइला नगरी के लोग कहेला कि बबुआ लाल जी तो एक बेर जांच करेवाली बड़की एजेंसियाों के अफसरो लोग पर ठाईं-ठाई करवा देले रहें. बबुआ लाल तो लाल बबुआ बड़ले बाड़ें, लेकिन इनकर छोट जना अउर बड़का कलाकार बाड़े. एक बेर खाकी वाला लोग धई लेलस, मीडिया के सामने ले गईल तो मीडिया वाला लोग फोटो खींचे लागल…तो छोटकी जनी जौन करिश्मा कईलें, ऊ रऊवा सभे जान जाइब तो रउवा सबे के लाज लागे. फोटो खिचाईल से एतना खिसियाईले छोटकू जना कि अफसर से लेके मीडिया नाला लोग सामने की पाइंट-शर्ट खोल के इंटरनेशनल (नंगा) हो गईलें. ए घरी ऊ छोट जनी के भी भइया जी लगी मीठी-मीठी बोल वचन निकले लगल बा. अब देखे के ईहे बा कि बबुआ जी के कमल ब्रांड क्लीनिंग पाउडर लगाईला पर क्लीयरेंस सर्टिफिकेट मिल जाता कि बबुआ जी अकेले टपरा गाईले घूमते रह जईहें.
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