Wasim Akram
Lohardaga: चिलचिलाती धूप और गर्मी से लंबे समय तक परेशान रहे लोहरदगा के लोग अब मॉनसून के आगमन से काफी राहत महसूस कर रहे हैं. यहां पर सबसे ज्यादा उत्साहित किसान वर्ग के लोग हैं. साल भर इंतजार करने के बाद बरसात के दिनों में धान की फसल बुआई के लिए बारिश के लिए किसान काफी उम्मीद लगाए रहते हैं. बीते साल बारिश की बेवफाई से किसानों की कमर टूट गयी थी. लेकिन इस बार देर से ही भले बारिश के आगमन से जहां तपती गर्मी से लोगों को राहत मिली. वहीं किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौट आयी है.
बीते साल अकाल की मार झेलनी पड़ी थी
लोहरदगा जिला में बीते साल दगाबाज बारिश से अत्यधिक खेतों में धान का बीज सूख गया था. जिससे किसान वर्ग के लोग काफी परेशान और प्रभावित हुए थे. यहां पर अत्यधिक किसान विभिन्न बैंकों से कर्ज लेकर धान का बिचड़ा अपने खेतों में इस उम्मीद से लगाए थे कि बेहतर बारिश होगी और धान की पैदावारी अच्छी होगी. लेकिन बीते साल दगाबाज बारिश ने किसानों के सारे सपनों पर पूर्ण विराम लगा दिया था. इससे ज्यादातर किसान टूट गए थे और बैंकों से लिए कर्ज को चुकता करने में मजबूरन दूसरे राज्यों में पलायन कर गए थे. वहीं बीते साल बारिश की बेरूखी से धान की फसल नहीं हो पाने से अभी भी लोहरदगा जिला के किसान वर्ग कर्ज की बोझ तले दबे हुए हैं.
खेती कार्य में जुटे किसान
लोहरदगा में बड़े दिनों के बाद मॉनसून पटरी पर लौटी है. ऐसे में लोगों को ना सिर्फ गर्मी से राहत मिली है बल्कि किसानों खेती को लेकर उत्साहित हैं. लोहरदगा जिले के अत्यधिक लोग खेती कार्य पर निर्भर हैं. लोग अपनी जीविकोपार्जन खेती कार्य कर चलाते हैं. लोहरदगा जिले के किसान वर्ग मौसम का मिजाज बदलने से काफी खुश हैं. वे हल-बैल लेकर अपने-अपने खेतों में कूद पड़े हैं. ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि पिछले साल की तुलना इस साल कुदरत लोहरदगा के किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है. बहरहाल लोहरदगा जिला में बारिश की शुरूआत होने से किसानों को धान की खेती करने में काफी सहायक सिद्ध हुई है. इधर इस बार बारिश की अच्छी शुरुआत से किसानों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बीते साल बारिश नहीं होने से हुई नुकसान को इस साल बेहतर बारिश होने से भरपाई होने की संभावना है. किसानों ने कहा कि अच्छी बारिश हुई तो बीते साल के गम को खुशी में बदला जा सकता है.
वैज्ञानिक विधि से खरीफ फसल की खेती करें – डॉ हेमंत
लोहरदगा के प्रधान कृषि वैज्ञानिक डॉ हेमंत कुमार पाण्डेय ने किसानों के हित में खरीफ फसल बुआई के लिए कहा है कि इस बार बीते साल की तुलना बेहतर बारिश होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि किसान बंधु वैज्ञानिक विधि से खरीफ फसल की खेती करें और अच्छा मुनाफा करें. डॉ हेमंत कुमार पाण्डेय ने कहा कि किसानों को दो फेज में धान का बिचड़ा एक सप्ताह के अंतराल में करना चाहिए. ताकि धान की खेती को करने में काफी मददगार साबित हो. उन्होंने कहा कि लोहरदगा के किसानों को धान के अलावा मक्का, सोयाबीन, सूरजमूखी, मड़ुआ की खेती को भी बढ़ावा देना चाहिए. एफपीओ से जुड़कर स्वावलंबी बनने की दिशा में खेती कार्य को करने से अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं. डॉ हेमंत ने कहा कि इस बार लोहरदगा जिला में अच्छी बारिश होने की संभावना है. किसानों को खेती कार्य में जुट जाना चाहिए.
इसे भी पढ़ें – अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन, सात जिलों में सड़क संपर्क टूटा, यात्री फंसे
Subscribe
Login
0 Comments