Lucknow : हाथरस भगदड़ मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. इसी रिपोर्ट के आधार पर सूचना निदेशक शिशिर ने इस बात की पुष्टि की है. यूपी सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. सूत्रों की मानें तो एसआईटी टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में आयोजकों को दोषी ठहराया है. टीम ने पाया कि आयोजकों ने भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किये थे. जानकारी के अनुसार, एसआईटी की रिपोर्ट में घटनास्थल पर तैनात पुलिस, पीड़ित परिवारों समेत 132 लोगों के बयान दर्ज हैं. आगरा की एडीजी अनुपमा कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ की डिविजनल कमिश्नर चैत्रा वी द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट में हादसे से पहले की हर छोटी से छोटी जानकारी नोट की गयी है. टीम ने एसडीएम द्वारा डीएम को भेजी गयी रिपोर्ट, आयोजकों को दी गयी अनुमति और उसमें लगायी शर्तों के अनुपालन की भी जांच की है.
भगदड़ में 116 श्रद्धालुओं की हुई मौत
उत्तर प्रदेश के हाथरस के फुलवाई गांव में 2 जुलाई को प्रवचन कर्ता हरि नारायण साकार विश्व हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ के सत्संग के समापन के दौरान भगदड़ मची थी. इस भगदड़ में 121 श्रद्धालुओं की मौत हो गयी थी. वहीं कई लोग घायल भी हुए थे. अधिकारियों के मुताबिक, आयोजकों ने सत्संग में 80,000 श्रद्धालुओं के शामिल होने की अनुमति मांगी थी. इसी के हिसाब से कार्यक्रम स्थल पर प्रशासन ने इंतजाम किये थे. लेकिन सत्संग में ढाई लाख से अधिक श्रद्धालु आये थे. आयोजकों ने पुलिस से श्रद्धालुओं की संख्या को छिपाया. घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने हादसे पीछे की वजहों की जांच के लिए एसआईटी टीम गठित की थी. सीएम ने इस गठित टीम को 24 घंटे में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था. लेकिन टीम ने छठे दिन अपनी रिपोर्ट सरकार को भेजी. बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव, सेवानिवृत्त आईपीएस हेमंत राव और सेवानिवृत्त आईपीएस भवेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक अलग न्यायिक आयोग भी हाथरस भगदड़ मामले की जांच कर रहा है.
Leave a Reply