Daru, Hazaribagh: एचके पाठक डिप्टी कमांडेंट वर्ष 1982 में बीएसएफ में बतौर सीमा प्रहरी भर्ती हुए और 31 जनवरी, 2024 को सेवानिवृत्त हुए. बता दें कि हजारीबाग के मूल निवासी एचके पाठक ने एनएसजी (ब्लैक कैट कमांडो), भारत-पाकिस्तान सीमा, भारत-बांग्लादेश बॉर्डर, कंबोडिया में संयुक्त राष्ट्र पुलिस निरीक्षण, पंजाब, जम्मू और कश्मीर में उग्रवाद विरोधी अभियानों में अपनी सेवाएं दी हैं. इसके अलावा उन्होंने 1997 से लेकर 2000 तक बीएसएफ मेरु कैंप हजारीबाग एवं वर्ष 2006 से 2009 तक उत्तर बंगाल सहायक प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षक के रूप में भी काम किया है. अपने सेवा काल में उन्होंने मुंबई एयर पोर्ट सुरक्षा अधिकारी के पद पर भी अपनी सेवाएं प्रदान की. वे 41 वर्ष सात महीने के लम्बे समय तक राष्ट्र को अपनी सेवाएं देने के पश्चात् डिप्टी कमांडेंट के पद से सेवानिवृत्त हुए. सीमा सुरक्षा बल की गरिमामयी परम्परा के अनुसार महानिरीक्षक, प्रशिक्षण केन्द्र एवं विद्यालय एवं उपस्थित सभी अधिकारीयों, अधीनस्थ अधिकारियों एवं कार्मिकों ने उन्हे विदाई दी. उनके सम्मान में परिसर स्थित अधिकारी मेस में रात्रि भोज का आयोजन किया गया. जहां कमलजीत सिंह बन्याल, महानिरीक्षक ने उन्हे समृति चिन्ह प्रदान किया.
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युवाओं को प्रदान करेंगे मंच
बताया जाता है कि राष्ट्र और उसकी क्षेत्रीय सीमाओं की रक्षा के लिए वर्दी में 41 वर्ष सात महीने की सेवा देने के बाद एचके पाठक, सेवानिवृत्ति के बाद झारखंड के युवाओं को सीएपीएफ, सेना में शामिल होने और देश की सेवा करने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं. इसके लिए वह हजारीबाग दक्षिण में, हजारीबाग गांधी मैदान में एक निजी प्री-रिक्रूटमेंट सीएपीएफ अकादमी शुरू करेंगे, जो हजारीबाग के आकांक्षी युवाओं को एक समग्र मंच प्रदान करेगी, ऐसी उनकी योजना है. सीएपीएफ, सेना, एयर फोर्स, नौसेना और व्यक्तित्व विकास की तैयारी के लिए यह एक अच्छी पृष्ठभूमि है. इतने व्यापक अनुभव वाला कोई व्यक्ति एक ऐसी व्यवस्था प्रदान कर रहा है जहां हजारीबाग के युवा और प्रेरित लोग शामिल हो सकते हैं एवं राष्ट्र सेवा का हिस्सा बन सकते हैं जो उनके जीवन को इस तरह से आकार देगा जो उन्हें गरिमा और सम्मान प्रदान करेगा. यूं तो सीमा सुरक्षा बल का इस प्री-रिक्रूटमेंट सीएपीएफ अकादमी से कोई संबंध नहीं है और ना ही सीमा सुरक्षा बल इस कार्य में कोई भी निगरानी आदि करेगा. वहीं भर्ती संबंधी संपूर्ण जानकारी एवं उनके अनुभव से इच्छुक युवाओं को उनसे भरपूर सहायता मिलेगी. ऐसी अपेक्षा तर्कसंगत है. हजारीबाग इलाके में रहने वाले सेवानिवृत कार्मिकों को भी संगठित करने का सपना भी पाठक अपने हृदय में संजोए हैं.
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