- ग्राहकों का आरोप- शिकायत के बाद भी नहीं होती कार्रवाई
- उत्पाद आयुक्त बोले- शिकायत करें, ज्यादा कीमत लेने वाले दुकानदारों पर होगी कार्रवाई
Ranjana Kumari
Hazaribagh : हजारीबाग में एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब बेची जा रही है. एमआरपी से अधिक कीमत लेने की शिकायत करने पर ग्राहक को कहा जाता है लेना है तो लीजिए, नहीं तो जाईये, पैसा तो अधिक देना ही पड़ेगा. सबसे मजे की बात तो यह है कि कंप्यूटराइज बिल ग्राहकों को दिया जा रहा, उसमें भी 10 रुपये अधिक कीमत दर्ज है. बता दें कि कार्रवाई के बाद भी हजारीबाग में शराब दुकानदारों की मनमानी कम नहीं हो रही है. कभी शराब में पानी मिलाने का वीडियो वायरल होता है तो कभी फर्जी रसीद देने की बात सामने आ रही है.
ताजा मामला सामने आया है जिसमें ग्राहकों से एमआरपी से 10 रुपये अधिक कीमत वसूली जा रही है. विरोध करने के बावजूद भी ग्राहकों को अधिक कीमत पर ही शराब खरीदनी पड़ रही है.
झारखंड सरकार की शराब दुकानदार को प्रत्येक महीना वेतन दे रही है. फिर भी दुकानदार शराब की एमआरपी से 10 रुपये अधिक कीमत पर शराब बेच रहे हैं. ग्राहकों का कहना है कि उत्पाद विभाग से शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती है. विभाग लिखित कंप्लेन मिलने का इंतजार करती है. वहीं शराब दुकानदार बेखौफ होकर अधिक कीमत वसूल रहे हैं. इससे तो ऐसा लगता है मानो सबकी मिलीभगत से यह अवैध वसूली हो रहा है. एक ग्राहक ने ओल्ड मॉक की एमआरपी और उससे वसूली गई कीमत का बिल भी शुभम संदेश को उपलब्ध कराया है. बोतल पर एमआरपी 310 लिखी हुई है और ऑनलाइन पेमेंट का जो बिल दिया गया, उसमें 320 रुपये लिखा है.
ग्राहकों का आरोप- सबका हिस्सा पहले से है तय
ग्राहकों ने शुभम संदेश की टीम को बताया कि एक मोटा-मोटी हिसाब समझिये. हजारीबाग में कुल 72 सरकारी शराब की दुकानें है. अगर हर दुकानदार 100 बोतल भी शराब बेचता है तो एक दिन की उपरी आमदनी 1000 रुपये. 72 दुकानों के हिसाब से 72 हजार रुपये रोज और महीने का लगभग 22 लाख रुपये उपरी आमदनी. जिसमें कलेक्शन अधिकारी और उत्पाद विभाग और दुकानदार सबका हिस्सा पहले से तय रहता है. अगर ऐसा नहीं रहता तो शिकायत के बावजूद अधिकारी स्थल पर जाकर जांच करते और अधिक कीमत वसूलने वालों पर कार्रवाई करते, न कि मौन धारण किये रहते.
एक ग्राहक रंजीत शर्मा ने तो शराब के नकली होने का भी संदेह जताया है. रंजीत का कहना है कि सरकार की शराब नकली है या असली इसकी पहचान करनी होगी. कहीं सरकार ही तो डुप्लीकेट शराब नहीं बेच रही है. अगर डुप्लीकेट नहीं है तो फिर डुप्लीकेट रसीद क्यों दिए जा रहे हैं.
शिकायत करें, होगी कार्रवाई : सहायक उत्पाद आयुक्त
इस संबंध में उत्पाद विभाग के सहायक आयुक्त सुनील कुमार ने कहा बोतल पर लिखी गई एमआरपी ही दुकानदार को दें. अगर दुकानदार अधिक लेता है तो इसकी शिकायत उत्पात विभाग से करें, ऐसे दुकानदारों पर कार्रवाई की जाएगी.
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