Saurav Singh
Ranchi : राष्ट्रीय जांच एजेंसी इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने बीते ढाई साल में ईडी ने नौ बड़े मामलों में 282 ठिकानों पर छापा मारा है. इस दौरान ईडी ने 554 करोड़ की संपत्ति को स्थायी और अस्थाई रूप से अटैच किया है. ईडी ने जमीन घोटाला मामले में सबसे अधिक 320 करोड़ की संपत्ति को अस्थाई रूप से अटैच किया है. झारखंड में ढाई साल पहले छह मई 2022 को मनरेगा घोटाला मामले में ईडी की छापेमारी शुरू हुई. इसके बाद एक के बाद एक कई मामले उजागर होते गये और ईडी की जांच का दायरा बढ़ता चला गया.
जल जीवन मिशन में अनियमितता मामला
रांची के सदर थाने में झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के जल जीवन मिशन में अनियमितता मामले में एक केस दर्ज की गयी थी. इस मामले में ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत जांच शुरू की थी. जांच के क्रम में ईडी ने 14 अक्टूबर 2024 को झारखंड में एक साथ कुल 18 ठिकानों पर छापेमारी की थी. ये ठिकाने विभागीय मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर के भाई विनय ठाकुर, पीएस हरेंद्र कुमार, आईएएस अधिकारी व श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान के निदेशक मनीष रंजन और इंजीनियर व ठेकेदारों से जुड़े थे. छापेमारी के दौरान ईडी ने विभिन्न ठिकानों से बैंकिंग लेनदेन सहित अन्य कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों, जमीन के कागजात, डिजिटल साक्ष्य आदि को जब्त किया था.
मनरेगा घोटाला मामला
साल 2010 में खूंटी जिले में मनरेगा घोटाला मामला सामने आया था. यह घोटाला 18.06 करोड़ का था. इस मामले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत 6 मई 2022 को पांच राज्यों के 23 ठिकानों पर छापेमारी की थी. ईडी ने जिनके ठिकानों में छापेमारी की थी, उसमें तत्कालीन खान और उद्योग सचिव पूजा सिंघल, उनके पति, भाई, सीए सुमन कुमार सहित पांच लोग शामिल थे. इस मामले में ईडी ने बीते 11 मई 2022 को निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और उनके पति अभिषेक झा की 82.77 करोड़ की संपत्ति स्थायी तौर पर जब्त की थी.
अवैध खनन मामला
साहेबगंज में पत्थर के अवैध खनन और इसके टेंडर को लेकर ईडी ने 08 जुलाई 2022 को 14 लोगों के 18 ठिकानों पर छापा मारा था. इसमें सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा सहित 13 अन्य लोग शामिल थे. साहेबगंज के बरहरवा में हुए टेंडर विवाद को लेकर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया था. इसी को लेकर छापेमारी की गयी थी. इस मामले में 30 करोड़ की कीमत के मालवाहक को ईडी ने सीज किया था.
शराब घोटाला मामला
शराब घोटाला मामले को लेकर ईडी ने इसी साल 23 अगस्त को राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के आवास सहित कुल 36 ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस छापेमारी में रामेश्वर उरांव के बेटे रोहित उरांव के ठिकाने से ईडी को 30 लाख रुपये कैश मिले थे. वहीं योगेंद्र तिवारी के ठिकाने से भी भारी मात्रा में दस्तावेज मिले थे. इस छापेमारी के दौरान ईडी को 30 लाख नकद सहित 1.14 करोड़ के जेवरात मिले थे.
टेंडर कमीशन घोटाला मामला
21 और 22 फरवरी 2023 को टेंडर कमीशन घोटाला मामले में ईडी ने ग्रामीण कार्य विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम और उनसे जुड़े 24 ठिकानों पर छापा मारा था. इस छापेमारी की कार्रवाई के बाद ईडी ने 19 अप्रैल को 39.28 करोड़ की चल-अचल संपत्तियों को जब्त किया था. इसी मामले में मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के करीबी जहांगीर के आवास में छापेमारी कर ईडी ने 35 करोड़ रुपये जब्त किये थे. इस मामले में ईडी ने आलमगीर आलम, संजीव लाल व जहांगीर को गिरफ्तार किया था.
जमीन घोटाला मामला
रांची में हुए जमीन घोटाला मामले में लगभग 320 करोड़ की संपत्ति जब्त की गयी है. 12 जून को 74.39 करोड़ की संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त की गयी थी. जिसमें सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन, हेहल अंचल के बजरा मौजा की 7.16 एकड़ जमीन और बड़गाई में आठ एकड़ जमीन शामिल है.
बांग्लादेशी घुसपैठ मामला
झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने 13 नवंबर 2024 को पश्चिम बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों से दाे बांग्लादेशी नागरिक सहित चार को गिरफ्तार किया है. एक दिन पूर्व झारखंड-बंगाल के 17 ठिकानों पर छापेमारी में मिले सबूत के आधार पर चारों पकड़े गये हैं. गिरफ्तार आरोपितों में बांग्लादेशी नागरिक रोनी मंडल व समीर चौधरी के अलावा भारतीय पिंटू हलधर व पिंकी बसु मुखर्जी शामिल हैं. ईडी ने छापेमारी के दौरान फर्जी आधार, जाली पासपोर्ट, अवैध हथियार, अचल संपत्ति के दस्तावेज, नकदी, आभूषण, प्रिंटिंग पेपर, प्रिंटिंग मशीन और आधार बनाने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले खाली प्रोफार्मा सहित कई सामान बरामद किये गये थे.
ईडी के नाम पर वसूली मामला
बहुचर्चित कांके (रांची) जमीन घोटाला मामले में ईडी ने आठ अक्टूबर 2024 को रांची, बोकारो, धनबाद और पटना में छापेमारी की थी. इस दौरान ईडी को कुछ कागजात बरामद हुए. जांच एजेंसी ने रांची में तैनात रहे तीन प्रशासनिक अफसरों कांके के सीओ जयकुमार राम, नामकुम सीओ रहे प्रभात भूषण, धनबाद के वर्तमान डीटीओ व कांके के पूर्व सीओ दिवाकर द्विवेदी के अलावा हटिया इलाके के जमीन कारोबारी संजीव पांडेय के ठिकानों पर छापेमारी की थी. घोटाले की जांच में जुटे ईडी अफसरों को मैनेज करने से जुड़े केस में ईडी ने ईसीआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू की.