Ranjeet Kumar
Ranchi : कोरोना काल में अधिकतर लोग वित्तीय संकट से गुजर रहे हैं, मगर रांची स्थित शारदा ग्लोबल स्कूल इन सब बातों से बेपरवाह है. स्कूल प्रबंधक ने अभिभावकों से ट्यूशन फीस के अतिरिक्त भी भारी भरकम राशि की मांग की है. इसके बाद कई अभिभावकों ने अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए फीस देने में असमर्थता जतायी. लेकिन स्कूल ने मानवता को दरकिनार करते हुए उनके बच्चों को स्कूल के व्हाट्सएप ग्रुप से बाहर कर दिया है, ताकि बच्चों को ऑनलाइन क्लास सुविधा नहीं मिल सके. स्कूल प्रबंधन का अपने छात्रों के साथ ऐसा व्यवहार वाकई शर्मनाक है.
अभिभावकों ने अपनी समस्याओं को लेकर कई बार प्रबंधन और प्रिंसिपल के सामने गुहार लगायी. लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गयी. स्कूल के रवैये से परेशान अभिभावकों का एक दल सोमवार को रांची डीसी छवि रंजन के पास अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचा. अभिभावकों की ओर से रांची डीसी को ज्ञापन सौंपा गया. अभिभावकों की ओर से बताया गया कि डीसी ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना और अपनी ओर से उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया.
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स्कूल ने फीस के अतिरिक्त भी जोड़ी गयी हैं कई तरह की राशि
बताते चलें कि शारदा ग्लोबल स्कूल में इस वर्ष वर्ग 3 से 8 तक के बच्चों की ट्यूशन फीस 2400 प्रतिमाह है. वहीं विद्यालय ने अभिभावकों से टेक्नोलॉजी फीस के रूप में 3300 रुपये, एक्टिविटी के नाम पर 1400 रुपये, मेंटनेंस के 2500 रुपये, मेडिकल फी 250, एग्जाम फी 600 रुपये, पहचान पत्र के 400 और सिक्यूरिटी के नाम से 2000 रुपये वसूल किए हैं. ट्यूशन फी में लगभग 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गयी है. जबकि लॉकडाउन की अवधि मे स्कूल पूरी तरह बंद रहे और बच्चो को स्कूल द्वारा मोबाइल के माध्यम ऑनलाइन क्लास करायी गयी है. Lagatar.in ने जब विद्यालय से जानना चाहा कि पिछले एक साल से स्कूल ने ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था में सुधार के लिए क्या कदम उठाया गया है. प्रबंधन की ओर से गोलमोल जवाब दिया गया. ऐसा लगता है कि बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा और बेहतर तरीके से देने के संबंध में स्कूलों का प्रयास ना के बराबर है.
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किताब खरीदने को लेकर भी की शिकायत
यही नहीं, स्कूल की तरफ से अभिभावकों को न्यूक्लियस मॉल के पास की एक दुकान से ड्रेस खरीदने को बाध्य किया जाता है. इसी तरह स्कूल की कॉपी, किताब, अभिभावकों को रोस्पा टावर स्थित एक दुकान से खरीदने को कहा जाता है. किताब की वह दुकान सिर्फ कैश पेमेंट लेता है. अगर कोई अभिभावक कार्ड या ऑनलाइन पेमेंट की बात कहता है, तो दुकानदार मारपीट को उतारू हो जाता है. कई अभिभावकों का आरोप है कि ड्रेस और किताब दुकान से स्कूल का कमीशन सेट है.
शारदा ग्लोबल जैसे स्कूल पर क्यों नहीं है किसी प्रकार का अंकुश- अजय राय
झारखंड अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय बताते हैं कि झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 झारखंड के सभी निजी विद्यालयों पर प्रभावी है और अधिनियम के कंडिका 7 (1) में स्पष्ट रूप से अंकित है कि हर स्कूल के अंदर शुल्क निर्धारण समिति का गठन अनिवार्य रूप से किया जाना है. इसमें अभिभावक के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे और उस समिति की अनुशंसा पर ही कोइ शुल्क की बढ़ोतरी की जा सकती है. उसमें भी यह प्रावधान है कि शुल्क को 2 वर्ष के अंदर 10 प्रतिशित से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता. इसके बाद अगर शुल्क में बढ़ोतरी की जा रही है तो उसकी अनुशंसा जिला कमिटी के पास की जाएगी. इसके अध्यक्ष संबंधित जिले के उपायुक्त होंगे. यह कमिटी अभी तक फंक्शन में नही आयी है. इसका फायदा शारदा ग्लोबल जैसे स्कूल उठा रहे हैं और मनमाने तरीके से शुल्क बढ़ा रहे हैं.
शारदा ग्लोबल ने गेंद सरकार के पाले में डाला
Lagatar.in ने शारदा ग्लोबल स्कूल के प्रबंधन से इस विषय पर बात की. प्रबंधन की ओर से बताया गया कि पिछले साल सरकार की ओर से सिर्फ ट्यूशन फी लेने का निर्देश था. इसका पालन स्कूल ने किया था. इस वर्ष इस तरह की कोई भी गाइडलाइन सरकार की ओर से नहीं आयी है. इसलिए स्कूल अपने सभी तरह के शुल्क ले रहा है. सरकार के स्पष्ट निर्देश के अभाव में कुछ अभिभावकों से टकराव की स्थिति उत्पन्न हो रही है. अभिभावकों के डीसी के ज्ञापन सौंपने संबंधी सवाल पर प्रबंधन की ओर से कहा गया कि डीसी अगर विद्यालय से जवाब मांगेंगे, तब विद्यालय की ओर से जवाब दिया जाएगा.
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