Ranchi : केंद्रीय निर्वाचन आयोग को लिखे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के एक पत्र का गोड्ड़ा सांसद निशिकांत दूबे तक पहुंचने को झामुमो ने साजिश करार दिया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने मंगलवार को कहा है कि भाजपा सांसद अब ऑफिस ऑफ सिक्रेट का उल्लंघन भी करने लगे हैं. यह महज संयोग नहीं हो सकता कि मुख्यमंत्री सचिवालय से लिखा गया पत्र भाजपा सांसद तक कैसे पहुंच गया. इससे इसकी भी प्रमाणिकता होती है कि निर्वाचन आयोग की गोपनीयता भी अब पूरी तरह से खत्म हो गयी है. हम मान सकते हैं कि देश के संवैधानिक संस्थाओं पर भाजपा का प्रत्यक्ष कब्जा हो गया है.
निशिकांत ने यह नहीं बताया, मुख्यमंत्री आवास से जारी पत्र उन्हें कैसे मिला, यह गोपनीयता का उल्लंघन
पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर सुप्रियो ने कहा, संवैधानिक संस्थाओं के साथ-साथ मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी पत्र भी गोपनीयता की श्रेणी में आती है. भाजपा ने राज्यपाल को मुख्यमंत्री के खिलाफ कुछ शिकायत की थी, जिसके बाद राजभवन द्वारा निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा गया. इसपर आयोग ने शिकायतकर्ता (यानी भाजपा) और मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण मांगा. मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग को भेजे अपने अपने ऑफिशयल लेटरहेड पर अपना पक्ष रखा. लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर वह पत्र गोड्डा सांसद के हाथों में कैसे आ गया. उन्होंने कहा कि दो दिन पहले भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने उस पत्र को अपने ट्विटर पर शेयर करते हुए मुख्यमंत्री के किये हस्ताक्षर पर सवाल उठाया. लेकिन यह बात निशिकांत दूबे ने नहीं बताया कि उन्हें यह पत्र कहां से मिला. यह गोपनीयता का उल्लंघन है.
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निशिकांत अब यह भी बता दें, क्या राजभवन ने आयोग से मंतव्य मांगा है कि नहीं
पिछले दिनों झामुमो-कांग्रेस और राजद नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा राज्यपाल रमेश बैस से हुई मुलाकात की बात भी सुप्रियो ने उठायी. उन्होंने कहा, मुलाकात के दौरान राज्यपाल ने जल्द से जल्द अपना मंतव्य चुनाव आयोग को भेजने की बात की. हालांकि ऐसा कुछ हुआ कि नहीं इसकी जानकारी पार्टी को नहीं है. अब तो भाजपा सांसद को ही यह बताना चाहिए कि राजभवन की तरफ से ऐसा कुछ किया गया कि नहीं. क्योंकि चुनाव आयोग तो अपना हर काम गोड्ड़ा सांसद से ही पूछ कर कर ही कर रहा है.
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