- किरीबुरु वन विभाग कार्यालय में मानकी-मुंडाओं की हुई विशेष बैठक
Kiriburu (Shailesh Singh) : सारंडा डीएफओ अभिरुप सिन्हा की अध्यक्षता और संलग्न पदाधिकारी आइएफएस नीतीश कुमार की मौजूदगी में सारंडा के मानकी-मुंडाओं की विशेष बैठक हुई. बैठक लगभग साढ़े तीन घंटे तक गुरुवार को वन विभाग कार्यालय, किरीबुरु में हुई. इसमें ग्रामीणों ने खुलकर अपनी समस्याओं को रखा. डीएफओ ने भी सभी समस्याओं का समाधान करने और उसके उपाय बताये. इससे सभी ग्रामीण प्रभावित हुये. डीएफओ ने सारंडा के मानकी-मुंडाओं व वन विभाग पदाधिकारियों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने की घोषणा की, जिसमें ग्रामीण अपनी समस्या, जंगलों की कटाई या लकड़ी तस्करी आदि की जानकारी साझा कर सकेंगे. इसका समाधान अविलम्ब किया जाएगा.
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सारंडा के ग्रामीणों ने कहा कि सभी गांवों में बेरोजगारी व पलायन की गंभीर समस्या है. सारंडा क्षेत्र में सेल, टाटा स्टील की वर्तमान में चार खदानें संचालित हैं लेकिन सारंडा के बेरोजगारों को रोजगार नहीं के बराबर दिया जा रहा है. सारंडा के 10 वन ग्रामों को आज तक राजस्व गांव का दर्जा नहीं दिया गया. इसे बेहतर प्रयास कर राजस्व गांव का दर्जा दिलाया जाये. सारंडा के विभिन्न गांव को सड़क, बिजली, शुद्ध पेयजल, पुल-पुलिया, वन आधारित रोजगार, हाथियों से हुये नुकसान का मुआवजा, वनोत्पाद का बाजार व कीमत निर्धारण, करमपदा से तोपाडीह तक 2 किमी सड़क का निर्माण, फॉरेस्ट के काम में सरकार द्वारा तय मजदूरी, सारंडा में संचार सुविधा बेहतर करना, हाथियों से हुये नुकसान का मुआवजा दिलाया जाये, आदि दर्जनों समस्याएं रखीं.
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सड़क निर्माण के लिए दो दिन में देंगे एनओसी
सारंडा डीएफओ अभिरुप सिन्हा ने कहा कि ग्रामीण अपने-अपने गांव की समस्याओं की कार्यवाही ग्रामसभा से कराकर हमें दें, जो हमारे स्तर से होगा वह हम करेंगे अथवा उपायुक्त के पास भेज उसे पूरा कराने का आग्रह करेंगे. हम एफआरए क्षेत्र की सड़कों का निर्माण हेतु एक दिन में एनओसी दे देंगे. आपको तय करना है कि किस एजेंसी से कार्य कराना है. सेल का लीज क्षेत्र में भी सरकारी विकास योजनायें होगी. ऐसा नहीं है कि वहां सरकारी विकास योजनाएं संचालित नहीं हो सकती हैं. डीएफओ ने कहा कि सही मजदूरी नहीं मिलने की बात आज पहली बार आयी है. मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी. अभी 405 रुपये मजदूरी दर निर्धारित है. मजदूर भी एक दिन में अपना पूरा समय काम नहीं करते हैं, ऐसी भी शिकायत हमें मिलती है. इको टूरिज्म हेतु 10 नया कॉटेज बनाया जायेगा. जीवन यापन के लिये गांव की परिधि क्षेत्र में गिरे सूखे पेड़ व अन्य वनोत्पाद का इस्तेमाल ग्रामीण कर सकते हैं, लेकिन किसी भी हरे पेड़ को गलती से भी न काटें और न ही किसी को काटने दें. हाथियों या अन्य वन्यप्राणियों से ग्रामीण या उनकी फसल को होने वाले नुकसान का मुआवजा जल्द मिलेगा.
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मुआवजा का पैसा सरकार तुरंत देती है
उन्होंने इसकी शिकायत मिलने पर वनकर्मियों को जमकर फटकार भी लगाई. मुआवजा का पैसा सरकार की तरफ से तुरंत मिलता है. पिछले एक साल के दौरान 88 मामले हाथियों का नुकसान से संबंधित आये हैं, लेकिन आज तक कोई आवेदन हमारे पास नहीं आया है. इसके लिये हम विभिन्न जगह पर कैंप लगाकर इस समस्या का समाधान करायेंगे. सारंडा के गांवों में जहां-जहां पुल-पुलिया, चेकडैम आदि की आवश्यकता है उसकी जानकारी हमें दें. हम बनाने का कार्य करेंगे. उन्होंने 10 वन ग्रामों से जुड़ा नक्शा आदि कागजात ग्रामीणों से देने को कहा ताकि राजस्व ग्राम हेतु हम यथासंभव मदद कर सकें. गुवा खदान से निकलने वाले लाल पानी को रोकने की व्यवस्था, मेडिकल कैम्प का आयोजन विभिन्न गांवों में सेल से कराने की व्यवस्था जल्द करायेंगे.
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जेएफएमसी के 51 बैंक खाते हैं
उन्होंने कहा कि सारंडा में 51 जेएफएमसी का खाता है, लेकिन उसका पासबुक व उसमें कितना पैसा है इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही है. यह खाता व उसमें जमा पैसा गांवों के विकास हेतु था. कई खाता में लाखों रुपये जमा थे. इसमें जिनकी भी गलती पाई गई उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया जायेगा. इको टूरिज्म को बढ़ावा देकर यहां के बेरोजगारों को अधिक से अधिक रोजगार से जोड़ना, औषधि-बागवानी के अलावे महिलाओं को स्वावलम्बी व रोजगार से जोड़ने हेतु विशेष कार्य योजना बनाकर रोजगार से जोड़ा जायेगा. सारंडा की बंद जलस्रोतों को फिर से जिंदा करने, सारंडा को सेन्चुरी बनाने तथा जंगल को सघन वन क्षेत्र में परिवर्तित करने हेतु मिलकर काम किया जायेगा. बैठक सारंडा के ग्रामीणों व वन विभाग के लिये मील का पत्थर साबित होगी.
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बैठक में ये थे उपस्थित
बैठक में गुवा के रेंजर परमानन्द रजक, सारंडा पीढ़ के मानकी लागुड़ा देवगम, गंगदा पंचायत के मुखिया सुखराम उर्फ राजू सांडिल, मेघाहातुबुरु उत्तरी की मुखिया लिपि मुंडा, करमपदा मुंडा राहुल नायक, नवागांव राजेश मुंडा, भनगांव के मंगरा मुंडा, कुमडीह के जानुम सिंह सोय, बालिबा मुंडा बिनोद होनहागा, तिरिलपोसी से नारायण बोदरा, बिरबल गुड़िया, बिटकिलसोय से मुंडा बिमल तोपनो, शांतियल भेंगरा, नयागांव के मुंडा सुन्दर बोदरा, दीघा से डेनिश हेरेंज, जामकुंडिया मुंडा कुशु देवगम, बिंदराय गुड़िया, आलोक अजय तोपनो, सरगेया अंगारिया, लक्ष्मी कुमारी, सुमती देवी, सावित्री कोड़ा, देवधारी कुमार आदि दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे.
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