Kiriburu (Shailesh Singh) : सारंडा के कई गावों के मानकी-मुंडा 8 सितम्बर को गुवा में आयोजित मुख्यमंत्री की श्रद्धांजलि सभा में शामिल नहीं होंगे. ये सभी सलाई चौक पर स्थित शहीद स्थल पर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे. 8 सितम्बर 2023 को गुवा गोलीकांड के शहीदों के श्रद्धांजलि स्थल से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पश्चिम सिंहभूम के कुछ मानकी-मुंडाओं को मोटरसाइकिल देकर सम्मानित किया था. उन्होंने कहा गया कि सभी मानकी-मुंडाओं को मोटरसाइकिल देंगे. इस कार्यक्रम में उपस्थित सारंडा के प्रायः गांवों के मानकी-मुंडाओं को लगा था कि उन्हें भी मुख्यमंत्री मोटरसाइकिल देकर सम्मानित करेंगे. लेकिन अंततः जब सारंडा के किसी भी मानकी-मुंडाओं को मोटरसाइकिल नहीं मिला तो वे निराश होकर इस आशा के साथ लौटे थे कि शायद बाद में उन्हें भी मिल जाये. लेकिन एक साल बीत गया और किसी को मोटरसाइकिल नहीं मिला.
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सारंडा पीढ़ के मानकी लागुड़ा देवगम, जामकुंडिया के मुंडा कुशु देवगम, राजाबेड़ा के मुंडा जामदेव चाम्पिया, जोजोगुटु मुंडा कानुराम देवगम, छोटानागरा मुंडा बिनोद बारिक आदि ने बताया कि गुवा गोलीकांड सारंडा जंगल व यहां के ग्रामीणों की समस्याओं से जुड़ी आंदोलन थी जो आज इतिहास बन गई है. सारंडा की भूमि पर हर वर्ष यह शहादत मेला लगता है. राजनीतिक रोटी सेंकी जाती है, लेकिन हमारे गांवों की समस्या यथावत है. आज भी हम ग्रामीण लाल पानी पीने को मजबूर हैं, वनाधिकार का पट्टा नहीं मिला, हमारे खेत खदानों की लाल पानी व लौह चूर्ण से बंजर हो रही है. सारी बातों को अब तक की तमाम सरकारें देखती व सुनती आ रही है, लेकिन किसी सरकार ने भी हमारी समस्याओं को आज तक दूर नहीं किया.
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बीते वर्ष गुवा मैदान स्थित श्रद्धांजलि सभा स्थल पर सारंडा के बाहर दूसरे विधानसभा क्षेत्र के एक विधायक के करीबी कुछ मानकी-मुंडाओं को गुवा बुलाकर सारंडा की धरती पर मोटरसाइकिल देकर सम्मानित किया गया. लेकिन सारंडा के गांवों के एक भी मानकी-मुंडाओं को सम्मानित नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि जिन मानकी-मुंडाओं को सरकार ने मोटरसाइकिल दी उसके हम विरोधी नहीं हैं, बल्कि आंदोलन की भूमि सारंडा, जिसके कई गांवों के मानकी-मुंडा इस आंदोलन में शहीद होते-होते बचे थे, उन्हें भी सरकार मोटरसाइकिल देकर सम्मानित की होती तो आज हम सबों को यह आरोप नहीं लगाना पड़ता.
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