- एक अगस्त को बाईहातु में आयोजित बैठक में बनेगी रणनीति
Kiriburu (Shailesh Singh) : सारंडा के छोटानागरा पंचायत के पांच गांव जोजोगुटु, राजाबेड़ा, बाईहातु, तितलीघाट एवं जामकुंडिया के ग्रामीणों ने 30 जुलाई को गुवा स्थित झारखंड मजदूर संघर्ष संघ कार्यालय में केन्द्रीय अध्यक्ष रामा पांडेय के साथ बैठक की. बैठक का मुख्य उद्देश्य सेल की गुवा एवं किरीबुरु, मेघाहातुबुरु खदान से आने वाली लाल पानी, मिट्टी, मुरुम की वजह से उनके गांवों की सैकड़ों एकड़ कृषि रैयत भूमि बंजर व बर्बाद हो गई है. बंजर भूमि के एवज में अब तक ग्रामीणों को कोई मुआवजा या सेल की खदानों में स्थायी नौकरी नहीं देना आदि मांग शामिल है. आज सभी ग्रामीण बिना किसी सूचना के गुआ पहुंचकर सीधे जनरल ऑफिस का घेराव करने जा रहे थे. लेकिन रामा पांडेय ने ग्रामीणों को ऐसा करने से यह कहते हुये रोका कि किसी भी आंदोलन से पहले कुछ जरुरी प्रक्रिया होती है, जिसे पूरा करना जरुरी है.
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मामले को सेल प्रबंधन ने दबा दिया

राजाबेड़ा मुंडा जामदेव चाम्पिया, बाईहातु मुंडा चिंतामणि चाम्पिया आदि ने बताया कि उक्त खदानों से सबसे ज्यादा प्रभावित हमारा गांव है. लेकिन सेल की तीनों खदान प्रबंधन जब भी नौकरी व रोजगार देने की बात आती है तो हमारे गांव के शिक्षित बेरोजगारों की उपेक्षा करती है. कुछ वर्ष पूर्व सारंडा वन प्रमंडल व पुलिस-प्रशासन ने हमारी कृषि भूमि को बंजर किये जाने संबंधी शिकायतों के बाद जांच की थी. जांच में टीम ने मामले को सही पाया था. उसके बावजूद पुलिस-प्रशासन व वन विभाग सेल प्रबंधन से आज तक मुआवजा नहीं दिला पायी. इस मामले को सेल प्रबंधन ने दबा दिया.
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सारंडा के ग्रामीणों की मांग जायज – रामा पांडेय
रामा पांडेय ने कहा कि सारंडा के ग्रामीणों की मांग जायज है. इसको लेकर आगामी एक अगस्त को बाईहातु मैदान में पांचों गांवों के मुंडा, मानकी व ग्रामीणों के साथ बैठक कर आगे की आंदोलन की रणनीति बनाई जायेगी. जरुरत पड़ी तो सेल की गुवा खदान प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन तेज किया जायेगा. बैठक में मुंडा चिन्तामणि चाम्पिया, मुंडा कानुराम देवगम, मुंडा जामदेव चाम्पिया, राजेश सांडिल,सोमरा हेम्ब्रम, लेबया सिद्धू, डोमन सुरीन, मंगल चाम्पिया, जोगेन मांझी, लक्ष्मण बोदरा, रोंडे सिद्धू, छोटे गुड़िया, लेबेया आइंद, सालुका चाम्पिया सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.
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