Latehar : नये साल के पहले दिन शहर के कारगिल पार्क के पास अविस्थत श्री वैष्णव दुर्गा मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. अहले सुबह से ही श्रद्धालु मंदिर आ रहे हैं. लोगों ने मां वैष्णव दुर्गा के चरणों में माथा टेका और नये वर्ष पर अपने एवं अपने परिवार की खुशहाली की कामना की. मंदिर के पुरोहित राजेश पाठक ने पूजा-अर्चना संपन्न करायी. (पढ़ें, अब पाकिस्तान स्थित हिजबुल मुजाहिद्दीन चीफ सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ एक्शन की तैयारी में जम्मू-कश्मीर पुलिस
आस्था व विश्वास का प्रतीक है श्री वैष्णव दुर्गा मंदिर
बता दें कि श्री वैष्णव दुर्गा मंदिर न सिर्फ लातेहार वरन आसपास के क्षेत्रों के लिए आस्था व विश्वास का प्रतीक है. दूर-दराज से लोग यहां आकर माता के चरणों में मत्था टेक कर सुख और शांति की कामना करते हैं. मंदिर के इतिहास के बारे में बताया जाता है कि जिस स्थान पर आज मंदिर है, वहां पहले एक तालाब हुआ करता था. स्थानीय लोगों ने इस तालाब को भर कर एक खपरैल दुर्गाबाड़ी का निर्माण कर दुर्गा पूजा का शुभारंभ किया था. वर्ष 1992 में स्थानीय लोगों की एक बैठक में दुर्गाबाड़ी को भव्य मंदिर का स्वरूप देने का निर्णय लिया. आपसी सहयोग से तकरीबन दो वर्षों में मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हुआ. जयपुर से माता वैष्णव की प्रतिमा लाकर स्थापित की गयी.
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सच्चे मन से मन्नत मांगने से होती हैं पूरी
लोगों का कहना है कि मां की प्रतिमा अद्वितीय है. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से मां से मन्नत मांगने पर उसकी मुराद अवश्य पूरी होती है. प्रतिवर्ष माघ त्रयोदशी की शुक्ल पक्ष को मंदिर का स्थापना दिवस और शारदीय नवरात्र में दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाया जाता है. वर्ष 2003 में तत्कालीन विधायक वैद्यनाथ राम के विधायक कोटे से मंदिर परिसर में एक विशाल विवाह मंडप बनाया गया. इसके बाद विधायक श्री राम के ही दूसरे कार्यकाल में मंदिर के ऊपरी तल्ले पर एक हॉल व सात कमरों का निर्माण कराया गया. मंदिर में प्रतिवर्ष दर्जनों शादियां होती हैं.
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