Ormanjhi: ओरमांझी प्रखंड के बरवे पंचायत में बड़का पतरा में लगभग 100 एकड़ भूमि पर रेस्क्यू सेंटर का निर्माण झारखंड सरकार के फॉरेस्ट विभाग द्वारा किया जा रहा है. रेस्क्यू सेंटर के चारों और चारदीवारी निर्माण का कार्य पिछले आठ-नौ महीना से चल रहा है. रेस्क्यू सेंटर के पास जंगल में नदी किनारे आदिवासियों का श्मशान घाट है. मामला इसी से जुड़ा है.
यहां महली, घांसी और तेली समुदाय को लोग सालों से पूर्वजों को दफनाते आए हैं. चारदीवारी का निर्माण हो जाने से शमशान घाट जाने तक का रास्ता बंद हो जायेगा. इसे लेकर आदिवासी गोरबंद हुए हैं. सैकड़ो की संख्या में आये ग्रामीणों ने निर्माण कार्य को बंद करवा दिया इसका नेतृत्व बरवे पंचायत के ग्राम प्रधान रमेश उरांव कर रहे थे.
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40 फीट रोड की मांग
मंगलवार को ग्रामीणों एवं पदाधिकारियों के बीच बैठक हुई. इसमें फॉरेस्ट विभाग की ओर से फॉरेस्टर संजय कुमार गोरखनाथ यादव और कई पदाधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे. ग्रामीणों ने अधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखी. कहा कि हमारे पूर्वजों को जहां दफनाया जाता है उसे सरकार चारदीवारी कर घेराबंदी कर रही है. हम लोगों को शमशान घाट तक पहुंचने के लिए रास्ता दिया जाय. इसके लिये ग्रामीणों ने 40 फीट रोड की मांग रखी है.
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पदाधिकारियों ने कहा कि आप की मांग सही है. इसके लिए उच्च अधिकारियों के समक्ष आप की मांग को रखा जाएगा. सरकार द्वारा जांच के उपरांत ही सड़क की दी जाएगी. यह सब सरकार तय करेगी. ग्रामीणों ने चारदीवारी निर्माण में इस्तेमाल हो रही सामग्री पर भी विरोध जताया. कहा कि पैसों का बंदरबांट किया जा रहा है.
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