pravin kumar/Anand Kumar
RANCHI : रांची रजिस्ट्री कार्यालय में अवैध दस्तावेज के आधार पर रजिस्ट्री कराने की शिकायत विभाग कई बार मिल चुकी है. फरवरी 2020 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने रजिस्ट्री कार्यालय, रांची में छापेमारी भी की थी. अवैध दस्तावेज के आधार पर रांची निबंधन कार्यालय में भूमि का निबंधन कराये जाने के कई मामले समाने आये हैं. लगातार न्यूज नेटवर्क की पड़ताल में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें रांची निबंधन कार्यालय के क्रियाकलापों के कारण सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचाकर जमीन की रजिस्ट्री की गयी. मामला नामकुम अंचल के पलांडू मौजा से जुड़ा है. इस भूमि की रजिस्ट्री रांची के रजिस्टार ने 15 जुलाई, 2020 को की. यह भूमि एक ही खाता और प्लाट की है. इसकी रजिस्ट्री कराने के लिए तीन डीड बनायी गयी. इनमें 10 डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री को कॉमर्शियल दर पर एवं अन्य 45-45 डिसमिल की दो अन्य जमीनों को डीड में आवासीय दिखा कर रजिस्ट्री कर ली गयी.
रांची-टाटा मुख्य मार्ग पर है भूमि
रांची-टाटा मुख्य पथ की जिस भूमि की रजिस्ट्री में सरकारी राजस्व की हानि पहुंचाई गयी, वह नामकुम अंचल में पड़ती है. मौजा पलांडू, थाना नंबर 331, खाता संख्या 26, प्लॉट नंबर 42 की इस भूमि का कुल रकबा 01 एकड़ है. पावर होल्डर शिवम द्वारा 15 जुलाई, 2020 को रांची निबंधन कार्यालय में तीन डीड के माध्यम से जमीन की रजिस्ट्री करायी गयी. इसकी डीड संख्या क्रमशः 3678, 3679 और 3680 है. इसमें डीड संख्या 3678 के माध्यम से सड़क की ओर की मात्र 10 डिसमिल जमीन को कमर्शियल भूमि दिखासकर निबंधन कराया गया है. शेष 90 डिसमिल भूमि को आवासीय बता कर रजिस्ट्री की गयी.
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रजिस्ट्री कार्यालय के क्रियाकलाप से हो रहा नुकसान
पलांडू मौजा की जिस भूमि का निबंधन 15 जुलाई, 2020 को रांची रजिस्टार द्वारा किया गया है, उससे सरकार को एक करोड़ से अधिक के राजस्व का नुकसान होने की बात जानकार बताते हैं. वैसी भूमि, जिसमें खरीद-बिक्री करनेवाले लोग एक हों, एक ही खाता एवं प्लाट की भूमि हो और एक ही दिन रजिस्ट्री कराई गयी हो, उसे एक यूनिट माना जाता है. लेकिन इस खरीद-बिक्री में इसकी अनदेखी की गयी.