LagatarDesk : नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की घटना के बाद, प्लेटफॉर्म टिकटों की काउंटर से बिक्री को 26 फरवरी तक बंद कर दिया गया है. रेलवे प्रशासन का यह कदम प्लेटफॉर्म पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है. सूत्रों के अनुसार, अब स्टेशन पर कोई प्लेटफॉर्म टिकट जारी नहीं किया जायेगा. ऐसे में अब जिन यात्रियों के पास जनरल टिकट या रिजर्व टिकट है, वहीं प्लेटफॉर्म पर जा सकते हैं. इधर भगदड़ के बाद रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के पुख्ता व्यवस्था किये गये हैं. यात्रियों की सुविधा के लिए आरपीएफ और टीटी को हर एंट्री पॉइंट पर तैनात किया गया है. रेलवे स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इंस्पेक्टर रैंक के छह अधिकारियों को भी तैनात किया गया है.
प्लेटफॉर्म नंबर 16 से विशेष ट्रेन आने की घोषणा से मची भगदड़
दरअसल शनिवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ प्रयागराज जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रही थी. इसी दौरान, रेलवे ने अचानक प्लेटफॉर्म नंबर 16 से एक विशेष ट्रेन के आने की घोषणा की. इस घोषणा के बाद, जो यात्री पहले से प्लेटफॉर्म 14 पर थे, वे भी प्लेटफॉर्म 16 की ओर दौड़ पड़े. इससे अफरा-तफरी मच गयी और भीड़ बेकाबू हो गयी, जिससे लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे. इस भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गयी, जिनमें 9 महिलाएं, 4 पुरुष और 5 बच्चे शामिल हैं, जो बिहार, दिल्ली और हरियाणा के रहने वाले थे.
बिहार सरकार ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की
दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगगड़ के दौरान मरने वाले 18 लोगों में नौ लोग बिहार के थे. जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और राज्य के मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है.
शुरुआती जांच में खुलासा-रेलवे ने हर घंटे बेचे 1500 जनरल टिकट
इधर घटना के बाद रेलवे ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिये हैं. शुरुआती जांच में पता चला है कि नई दिल्ली स्टेशन पर हर घंटे रेलवे ने 1500 जनरल टिकट बेचे गये थे. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि जनरल बोगी की सीमित जगह के बावजूद जरूरत से ज्यादा टिकटों की बिक्री की गयी. इससे प्लेटफॉर्म्स पर अव्यवस्था का माहौल बन गया. भीड़ के हिसाब से स्टेशन पर आरपीएफ जवानों की संख्या कम थी. ऐसे में भीड़ को काबू करने में मुश्किलें आयीं और स्थिति बिगड़ गयी.