Saurav Singh
Ranchi: पेयजल घोटाले की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय को मनीष रंजन के घर से संदेहास्पद लेनदेन से संबंधित कागजात मिले थे. साथ ही इसकी भी जानकारी मिली थी कि उनकी पत्नी न केवल एक कंपनी में निदेशक हैं बल्कि वह एक दूसरी कंपनी में लीगल मैनेजर के रूप में भी काम कर रही है. जांच के दौरान पेयजल विभाग के इंजीनियर निरंजन ने अपने घर से मिली नकद राशि को रिश्तेदारों से मिला उपहार बताया था.
प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने पेयजल घोटाले की जांच के दौरान संबंधित लोगों के ठिकानों पर छापा मारा था. छापेमारी के दायरे में आईएएस अधिकारी मनीष रंजन का नाम भी शामिल था. कमीशन घोटाले में हिस्सेदार के रूप में मनीष रंजन का नाम दूसरी बार आया था.
पेयजल विभाग से पहले उनका नाम ग्रामीण विकास विभाग के टेंडर मे कमीशन में हिस्सा पाने वालों के रूप में आया था. तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम के आप्त सचिव संजीव लाल के ठिकानों से मिली डायरी में कमीशन पाने वालों का नाम कोड वर्ड में दर्ज था.
इस डायरी में एक कोड वर्ड M और उसके आगे रकम का उल्लेख था. पूछताछ के दौरान संजीन लाल ने M को मनीष रंजन बताया था. इसके बाद इडी ने समन जारी कर मनीष रंजन से पूछताछ की थी.
पेयजल घोटाले में उन्हें हिस्सा मिलने की बात विभाग के कैशियर ने अपने बयान में स्वीकार की है. इडी ने मामले की जांच के दौरान उनके घर पर भी छापा मारा था. इसमें ईडी को चार ऐसे पेज मिले थे जिसमें SURAT के नाम से कोड वर्ड का इस्तेमाल करते हुए संदेहास्पद लेनदेन का ब्योरा दर्ज था. फिलहाल इस लेनदेन की जांच जारी है.
छापामारी के दौरान इडी को उनकी पत्नी से जुड़े कुछ कागजात मिले थे. इसमें Sand Cube Infrastructure Privet Limited नामक कंपनी में उनकी पत्नी की नियुक्ति का उल्लेख था. उनकी पत्नी को इस कंपनी में Legal Manager के रूप में नियुक्त किया गया था.
मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स के आंकड़ों के अनुसार इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन दिसंबर 2017 में हुआ है. कंपनी झारखंड के पते पर निबंधित है. इस पूरे प्रकरण में मनीष रंजन की ओर से एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी में अपना पक्ष पेश करते हुए खुद को निर्दोष बताया गया है.
पेयजल घोटाले की जांच के दौरान इडी ने पेयजल विभाग के इंजीनियर निरंजन कुमार के घर पर छापा मारा था. इसमें 5.53 लाख रुपये नकद जब्त किये गये थे. इडी ने छापामारी के दौरान ही निरंजन कुमार और उनकी पत्नी का बयान दर्ज किया था.
पीएमएलए 2002 की धारा 17 के तहत पति-पत्नी दोनों ही अपने बयान में यह कहा था कि उनके घर से मिली रकम उनके रिश्तेदारों से उपहार के रूप में मिले है. पिछले कुछ वर्षों में रिश्तेदारों से उपहार के रूप में मिली रकम जमा होते होते 5.53 लाख रुपये हो गयी है. हालांकि पति-पत्नी दोनों में से कोई भी अपने दावों के पक्ष में किसी तरह की सबूत नहीं पेश कर सका. नियमानुसार गिफ्ट के रूप में मिली नकदी और उपहार की घोषणा आयकर रिटर्न में करना पड़ता है. लेकिन निरंजन कुमार ने अपने रिटर्न में इसकी घोषणा नहीं की है.
&