Shiv Shankar Paswan
Panki : पलामू के पांकी प्रखंड के लगभग 50 गांवों के किसानों को फायदा पहुंचाने और इलाके के जलस्तर को बनाये रखने के उद्देश्य से अमानत बराज की आधारशिला रखी गई थी. वर्ष 2001 में 34 करोड़ की लागत से बननेवाली इस परियोजना की आधारशिला झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने जल संसाधन मंत्री रामचंद्र केशरी व पांकी के क्षेत्रीय विधायक सह भू-राजस्व मंत्री रहे मधु सिंह की उपस्थिति में रखी थी. बराज के निर्माण से पांकी के लगभग 50 गांवों को फायदा होता. साथ ही केनाल के द्वारा पांकी, तरहसी, मनातू, पाटन क्षेत्र से बिहार में पानी ले जाना था. मगर केनाल निर्माण क्षेत्र में कुछ जमीन वन विभाग का पड़ता था, वहां से हरि झंडी नहीं मिलने के कारण योजना अधूरा रह गया. विभाग द्वारा बनाये गये सरकारी आवास व ऑफिस बेकार पड़ा है. 1980 के दशक में करोड़ों रुपये की लागत से बनाये गये औरंगा जलाशय परियोजना भी आज धूल भांक रहा है. पांकी बराज के कैनाल निर्माण लंबित होने के कारण किसानों के खेतों तक सिंचाई का पानी नहीं पहुंच पाया. इसका मलाल पांकीवासियों को हैं.
जल्द शुरू होगा कैनाल का निर्माण कार्य : सहायक अभियंता
पांकी औरंगा जलाशय परियोजना के सहायक अभियंता उदयशंकर शर्मा ने कहा कि पांकी की बहुप्रतीक्षित योजना का कैनाल निर्माण का रास्ता अब साफ हो गया. इस विधानसभा सत्र में विभाग के द्वारा तीन फेज का डीपीआर भेज दिया गया. बजट भी पारित हो गया है, प्रशानिक स्वीकृति भी अंतिम वित्तीय वर्ष में प्राप्त हो जाने की उम्मीद है. बहुत जल्द डूब क्षेत्र में 26 हेक्टेयर के अधिग्रहित किसानों के मुआवजा के साथ ही कैनाल निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा. 2024 में पांकी बराज से कैनाल से सिंचाई का पानी खेतों तक पहुंचना शुरू हो जाएगा.
सिंचाई विभाग के जमीन का इस्तेमाल अब हाट बाजार के लिए किया जा रहा है. ढूब पंचायत के पूर्व मुखिया कामख्या नारायण सिंह ने कहा कि बहुत लंबे अर्से के बाद पांकी अमानत जलाशय परियोजना शुरू होने के अंतिम चरण पर पहुंच चुका है. नुरू लोथरवा डूब क्षेत्र के किसानों को बहुत जल्द मुआवजा भू-अर्जन विभाग के द्वारा दिया जायेगा. वह इस दिशा में लगातार विभागीय अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करा रहे हैं.

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