प्रभु येसु के आगमन का समय ख्रीस्तीयों के लिए एक अत्यंत विशेष और आध्यात्मिक अवधि होता है. यह चार सप्ताह का समय येसु ख्रीस्त के जन्म की तैयारी और उनके आगमन की प्रतीक्षा का समय है. इस अवधि को मसीही कैलेंडर के अनुसार, एक नये पूजन वर्ष की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है, जो येसु ख्रीस्त के जन्मदिन, अर्थात् क्रिसमस के पर्व की ओर अग्रसर करता है. इस पूजन वर्ष का समापन ख्रीस्त राजा के महोत्सव से होता है.
आगमन के समय, विश्वासियों के हृदय में येसु के आगमन की उत्कंठा और प्रतीक्षा होती है. यह समय न केवल बाहरी सजावट और उत्सवों का होता है, बल्कि आंतरिक रूप से भी विश्वासी येसु के आगमन की तैयारी करते हैं. इस दौरान वे न केवल अपने घरों में चरनी सजावट, नये सामान की खरीदारी करते हैं, बल्कि प्रार्थना, पापस्वीकार, मिस्सा पूजा, और पुण्य कार्यों में सक्रिय होकर आध्यात्मिक रूप से तैयार होते हैं.
आध्यात्मिक और पूजा पद्धतियां
आगमन काल में विशेष पूजन विधियों का पालन किया जाता है, जिसमें याजकों द्वारा बैगनी रंग के कपड़े पहने जाते हैं. यह रंग प्रार्थना, तपस्या, पछतावा और बलिदान का प्रतीक होता है. मिस्सा पूजा और अन्य पूजन समारोहों में महिमा गान का विशेष स्थान होता है, क्योंकि यह स्वर्गदूतों का गाना है और खुशी तथा आनंद का प्रतीक है. हालांकि, पवित्र पूजन पद्धतियों के अनुसार, आगमन और चालीसा की अवधि में महिमा गान’ गाना वर्जित होता है, क्योंकि यह समय स्वयं के जीवन के मूल्यांकन, सुधार और पुनः संकल्प लेने का होता है, ताकि हम ईश्वर और अपने पड़ोसियों से अपने रिश्ते को और भी मजबूत बना सकें.
आध्यात्मिक चिंतन
आगमन काल में, ख्रीस्तीय समुदाय नबियों द्वारा येसु के जन्म की भविष्यवाणी से संबंधित बाइबिल वचनों का चिंतन और मनन करते हैं. कलीसिया अपने विश्वासियों को इन चार सप्ताहों के दौरान चार महत्वपूर्ण आध्यात्मिक संदेशों पर विचार करने के लिए आमंत्रित करती है:
पहला सप्ताह – आशा का संदेश
दूसरा सप्ताह – विश्वास का संदेश
तीसरा सप्ताह – आनंद का संदेश
चौथा सप्ताह – शांति और क्रिसमस प्रेम का संदेश
प्रतीकात्मक मोमबत्तियां और सजावट
कलीसिया की प्रथा के अनुसार, विश्वासियों के घरों और चर्चों में चार या पांच प्रतीकात्मक मोमबत्तियां सजाई जाती हैं. ये मोमबत्तियाँ येसु ख्रीस्त के जीवन और पुनरुत्थान का प्रतीक होती हैं.
पहली मोमबत्ती – नबी मोमबत्ती, जो येसु के आगमन की भविष्यवाणी का प्रतीक है और आशा का संदेश देती है.
दूसरी मोमबत्ती – बेथलेहम मोमबत्ती, जो विश्वास का प्रतीक है.
तीसरी मोमबत्ती – चरवाहों का मोमबत्ती, जो आनंद का प्रतीक है.
चौथी मोमबत्ती – दूतो का मोमबत्ती, जो शांति का प्रतीक है.
आध्यात्मिक यात्रा और संदेश
आगमन काल एक आध्यात्मिक यात्रा का प्रतीक है, जो विश्वासियों को ख्रीस्त जयंती की तैयारी में मार्गदर्शन करती है. यह समय हमें यह संदेश भी देता है कि हम अपने परिवार, समाज और समुदाय के लिए आनंद और शांति के दूत बनें, जैसा कि प्रभु येसु ने एक मानव रूप में धरती पर जन्म लेकर न केवल अहिंसा, शांति, भाईचारे, प्रेम और क्षमा का पाठ सिखाया, बल्कि स्वयं अमन और चैन के दूत बनकर शांति के राजा के रूप में हमारे बीच जीकर अमूल्य उदाहरण प्रस्तुत किया. इस प्रकार, आगमन का समय हमें अपने जीवन में प्रार्थना, तपस्या और सुधार की ओर प्रेरित करता है, ताकि हम येसु के आगमन के लिए आध्यात्मिक रूप से तैयार हो सकें.