देश के करोड़ों लोग SEBI पर विश्वास करते हैं. अगर इस पर सवालिया निशान खड़े हो गये तो जनता के निवेश पर सवालिया निशान लग जायेगा. वहीं इस देश का प्रधानमंत्री, देश के साख की चिंता नहीं कर रहा, ये हमारी सबसे बड़ी चिंता है.
NewDelhi : संसद की पब्लिक अकाउंट कमेटी (PAC) सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) चीफ माधबी पुरी बुच पर लगे आरोपों की जांच के लिए समन जारी करेगी. खबर है कि PAC माधबी बुच मामले में वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालयों के अधिकारियों से पूछताछ करने की कवायद में जुट गयी है. सूत्रों की मानें तो इस मामले में जांच के लिए सेबी चीफ को सितंबर के अंत तक PAC के सामने पेश होने के लिए तलब किया जा सकता है.बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार रेगुलेटरी बॉडी के कामकाज की जांच अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग के आरोप और इस मामले में सेबी चीफ का नाम शामिल होने को लेकर है.
SEBI चेयरपर्सन माधबी बुच जी से जुड़ा ये मामला बेहद गंभीर है।
हमें हर दिन इस मुद्दे से जुड़ी नई-नई जानकारियां मिल रही हैं।
देश के करोड़ों लोग SEBI पर विश्वास करते हैं। अगर इस पर सवालिया निशान खड़े हो गए तो जनता के निवेश पर सवालिया निशान लग जाएगा।
वहीं इस देश का प्रधानमंत्री,… pic.twitter.com/N2TziF7Z2R
— Congress (@INCIndia) September 6, 2024
PAC के अध्यक्ष कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल हैं
दिलचस्प बात यह है कि PAC के अध्यक्ष कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल हैं. उन्होंने कहा कि PAC 2024-25 सेशन के दौरान रेगुलेटरी बॉडिज और सेबी के कामकाज का रिव्यू करेगी. इस क्रम में माधबी बुच से की जा सकती है. सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के सैकड़ों कर्मचारियों ने 5 सितंबर की सुबह टॉप मैनेजमेंट के खिलाफ प्रदर्शन किया. कर्मचारियों का आरोप लगाया है कि टॉप मैनेजमेंट काम को लेकर दबाव बनाता है. कर्मचारियों ने सेबी चीफ माधबी पुरी बुच से इस्तीफा भी मांगा
सुभाष चंद्रा ने सेबी चेयरपर्सन पर पक्षपात, भ्रष्टाचार और अनैतिक व्यवहार का आरोप लगाया
पिछले महीने सेबी के कर्मचारियों ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर टॉक्सिक वर्क कल्चर पर चिंता जताई थी. कर्मचारियों ने लीडरशिप पर कठोर भाषा का उपयोग करने, अनरियलिस्टिक टारगेट सेट करने और माइक्रोमैनेजमेंट का आरोप मढ़ा था. एक भात और कि मंगलवार, 3 सितंबर, को ZEE के फाउंडर सुभाष चंद्रा ने सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर पक्षपात, भ्रष्टाचार और अनैतिक व्यवहार का आरोप लगाया था. कहा कि उन्हें विश्वास है कि सेबी चेयरपर्सन भ्रष्ट हैं. उदाहरण दिया कि सेबी में पद संभालने से पूर्व बुच और उनके पति की संयुक्त आय लगभग 1 करोड़ रुपए प्रति वर्ष थी. यह आंकड़ा अब बढ़ कर 40-50 करोड़ रुपए प्रति वर्ष हो गयी है.
SEBI चेयरपर्सन माधबी बुच जी से जुड़ा ये मामला बेहद गंभीर है
पवन खेड़ा ने कहा कि SEBI चेयरपर्सन माधबी बुच जी से जुड़ा ये मामला बेहद गंभीर है. हमें हर दिन इस मुद्दे से जुड़ी नयी नयी जानकारियां मिल रही हैं. देश के करोड़ों लोग SEBI पर विश्वास करते हैं. अगर इस पर सवालिया निशान खड़े हो गये तो जनता के निवेश पर सवालिया निशान लग जायेगा. वहीं इस देश का प्रधानमंत्री, देश के साख की चिंता नहीं कर रहा, ये हमारी सबसे बड़ी चिंता है.