Koderma: कोडरमा में मंगलवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी अलका जायसवाल के निर्देशन में जूम मीटिंग का आयोजन किया गया. सौ दिन रीडिंग अभियान विषय को लेकर मीटिंग किया गया. मीटिंग के मुख्य अतिथि के रूप में एसडीएम मनीष कुमार ने सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को सफल बनाने के उपाय बताए कि किस तरह से लगातार पढ़ने से पठन कौशल का विकास होता है.
SDM ने बताया कि भाषा के गद्य एवं पद्य, गणित के पहाड़े और सूत्र और संस्कृत के धातु रूप शब्द रूप लगातार पढ़ते रहने से हमेशा के लिए मस्तिष्क में अंकित हो जाते हैं. मोबाइल के इस आधुनिक युग में बच्चों में घट रही पुस्तक रीडिंग की आदतों में इस योजना से बहुत लाभ होगा. जिला कोऑर्डिनेटर नीलेश शर्मा ने बताया कि यह कार्यक्रम 1 जनवरी से 10 अप्रैल 2022 तक 100 दिनों तक चलेगा. उन्होंने लक्षित समूह, कार्यक्रम के उद्देश्यों, लक्ष्यों एवं साप्ताहिक गतिविधियों से सभी को विस्तार से अवगत कराया. बताया कि बच्चों तक पहुंच बनाने के लिए स्कूल, घर, मोहल्ले और लोगों की भागीदारी, ऑनलाइन संवाद, मोबाइल लाइब्रेरी, बीआरसी, सीआरसी, माता-पिता और एनएसएस/एनवाईकेएस की भागीदारी महत्वपूर्ण है.
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बच्चों में पढ़ने के कौशल का विकास करें
एडीपीओ शिव कुमार मल्लिक ने कहा कि ऑनलाइन क्लास, मोहल्ला क्लास और डोर टू डोर विजिट कर सभी शिक्षक बच्चों में अखबार, पंख पत्रिका या टेक्स्ट बुक के माध्यम से बच्चों में पढ़ने के कौशल का विकास करें. इस जूम मीटिंग में शिक्षा विभाग के सभी जिलास्तरीय पदाधिकारी, सभी प्रखंडों के प्रखंड स्तरीय सभी पदाधिकारी, शिक्षक एवं शिक्षिका, सभी बीपीओ, बीआरपी और सीआरपी ने भाग लिया. कार्यक्रम का संचालन नीति आयोग के साथ-ई कार्यक्रम के जिला कोऑर्डिनेटर सह पिरामल फाउंडेशन के नीलेश शर्मा ने किया.
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