Ranchi : झारखंड में अब सिर्फ 139 इनामी नक्सली ही बचे है. सालभर में 6 इनामी नक्सली मारे गये है. 9 को पुलिस ने गिरफ्तार किया है जबकि 8 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. गौरतलब है कि राज्य में सक्रिय नक्सली और उग्रवादी संगठनों के खिलाफ लगातार पुलिस अभियान चला रही है. पिछले एक साल के दौरान झारखंड के 23 इनामी नक्सली कम हुए हैं. राज्य के अलग-अलग जिले में इस दौरान छह नक्सली मारे गए, नौ गिरफ्तार हुए और आठ ने सरेंडर कर दिया. इन नक्सलियों में भाकपा माओवादी, टीपीसी और पीएलएफआई के नक्सली शामिल है.
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प्रशांत बोस समेत चार नक्सली है 1 करोड़ का इनामी
झारखंड सरकार ने प्रशांत बोस समेत चार नक्सलियों के ऊपर एक करोड़ रूपया का इनाम घोषित किया है. जिन नक्सलियों के ऊपर एक करोड़ का इनाम घोषित किया गया है, उनमें पोलित ब्यूरो मेंबर प्रशांत बोस, मिसिर बेसरा, सेंट्रल कमिटी मेंबर असीम मंडल और अनल दा उर्फ पतिराम मांझी शामिल है. इसके अलावा 135 अन्य नक्सलियों के ऊपर 25 लाख से लेकर एक लाख रूपया तक का इनाम घोषित है.
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देश के 25 अति नक्सल प्रभावित जिलों में आठ झारखंड के
देश के 25 अति नक्सल प्रभावित जिले में आठ झारखंड के जिले शामिल है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्र की एसआरआई स्किम के तहत नक्सल प्रभाव वाले जिलों की समीक्षा की है. समीक्षा के दौरान गृह मंत्रालय ने पाया है कि पूर्व में देश भर के 90 जिले नक्सल प्रभावित थे. अब इन जिलों की संख्या घटकर 70 रह गयी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 70 में से 25 जिलों को अति माओवादी प्रभाव वाला माना है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने माओवादी गतिविधियों के हिसाब से गढ़वा जिले को डिस्ट्रिक्ट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखा गया है. गढ़वा जिले के बुढ़ा पहाड़ में हाल के दिनों में माओवादी गतिविधि बढ़ी है.
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ये 8 जिलें अधिक नक्सल प्रभावित
देश के 25 अति नक्सल प्रभावित जिले में आठ झारखंड के जिले शामिल हैं. झारखंड में नक्सल प्रभावित 16 जिलों में रांची, बोकारो, चतरा, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, सरायकेला- खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं. वहीं 8 अति नक्सल प्रभावित जिले में चतरा, गिरिडीह, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, लातेहार, सरायकेला- खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं.
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