LagatarDesk: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2020 है. अगर आपने अभी तक Assessement Year 2020-21 के लिए ITR फाइल नहीं किया है तो जल्द ही ITR फाइल कर लें. लास्ट डेट से पहले ITR फाइल करने के कई फायदे हैं. सबसे पहला फायदा ये है कि अगर ITR फाइल करते समय अगर कोई गलती हो जाती है, तो सुधारने का मौका मिल जाता है और आप पेनाल्टी और नोटिस से बच सकते हैं. दूसरा टैक्सपेयर को जल्दी इनकम टैक्स रिफंड मिल सकता है. इनकम टैक्स लेट से फाइल करने से टैक्स में कम छूट मिलती है और जुर्माना भी भरना पड़ता है.
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ITR फाइल करने में हुई देर तो लग सकता है जुर्माना
टैक्सपेयर को देर से ITR फाइल करने पर सिर्फ नुकसान ही होगा. आयकर कानून की धारा-234A के तहत करदाता को 1 फीसदी की साधारण दर से हर महीने ब्याज भी चुकाना होगा.
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10 हजार रुपये तक लगेगा जुर्माना
केंद्र सरकार ने देर से ITR फाइल करने पर लेट फाइन वसूलने की व्यवस्था दी है. वित्त वर्ष 2018-19 से ये व्यवस्था लागू कर दी गयी है. इसके तहत अगर कोई टैक्सपेयर तय तारीख के बाद, लेकिन 31 दिसंबर से पहले ITR फाइल करता है तो उससे 5,000 रुपये लेट फाइलिंग फी वसूली जायेगी. अगर रिटर्न 31 दिसंबर के बाद फाइल किया जाता है तो करदाता को 10 हजार रुपये लेट फाइन का भुगतान करना होगा. यदि करदाता की सालाना इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है तो लेट फाइन के तौर पर 1 हजार रुपये से ज्यादा नहीं वसूला जा सकता है.
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टैक्सपेयर को नहीं मिलेगा टैक्स छूट का लाभ
ITR फाइल करने में देरी के कारण करदाता को जुर्माना भरने के साथ कई तरह की इनकम टैक्स छूट से भी हाथ धोना पड़ेगा. इनमें आयकर कानून की धारा-10A और धारा-10B के तहत मिलने वाली छूट नहीं मिल पायेगी. वहीं, धारा-80IA, 80IAB, 80IC, 80ID और 80IE के तहत मिलने वाली छूट से भी हाथ धोना पड़ेगा. इसके अलावा देरी से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के कारण करदाता को आयकर कानून की धारा-80IAC, 80IBA, 80JJA, 80JJAA, 80LA, 80P, 80PA, 80QQB और 80RRB के तहत मिलने वाले Deduction का लाभ भी नहीं मिलेगा.
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