Ranchi : रांची निवासी मो शहाबुद्दीन द्वारा लिखित किताब “सफल होना मुश्किल है, नामुमकिन नहीं” बीएफसी प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर लखनऊ के वीराज खांद, गोमती नगर में प्रकाशित की गई. इस अवसर पर श्वेता मिश्रा, बीएफसी के गौरव सिन्हा समेत बड़ी संख्या में बीएफसी के लोग मौजूद थे. इस किताब की मार्केटिंग ऑनलाइन पोर्टल और बीएफसी प्रकाशन के ऐप के माध्यम से की जा रही है, जिससे देश के किसी भी कोने में रहने वाले पुस्तक प्रेमी इसे आसानी से मंगवा सकते हैं. इसके अलावा, वेबसाइट पर ई-बुक भी उपलब्ध है, जिससे लोग इसे डिजिटल रूप में पढ़ सकते हैं.
लेखक मो शहाबुद्दीन ने व्यक्त की प्रतिक्रिया
किताब के लेखक मो शहाबुद्दीन ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि 280 पन्नों की इस किताब को लिखने में तीन साल का समय लगा, जबकि खुद को लिखने योग्य बनाने में 20 साल का समय लगा है.इस किताब को पढ़ने से जीवन में बदलाव आना स्वाभाविक है – शहाबुद्दीनइस किताब में लेखक ने जीवन की सच्ची घटनाओं, कहानियों और अपने शोध से संबंधित अनुभवों को दर्ज किया है. दुनिया में जितने भी लोग हैं, हर कोई एक सफल जीवन जीना चाहता है, लेकिन सफलता की जो शर्तें होती हैं, उन्हें पूरा करने वाले ही सफल हो पाते हैं. बाकी लोग जीवन में आई मुश्किलों को देखकर डर जाते हैं और साधारण जीवन जीने के लिए समझौता कर लेते हैं.
इस किताब में यह बताया गया है कि मुश्किलों और मुसीबतों के बावजूद किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए किस तरह संघर्ष करना चाहिए. लेखक ने उदाहरण के रूप में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकट परिस्थितियों में सफलता प्राप्त करने वाले व्यक्तित्वों की सच्ची घटनाओं को साझा किया है, ताकि लोग सफलता की प्रेरणा पा सकें. इसके अलावा लेखक ने मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह भी बताया है कि अपनी मानसिकता को सफलता के लिए कैसे बदला जा सकता है.लेखक मो. शहाबुद्दीन का मानना है कि जो लोग इस किताब को पूरी रुचि और ध्यानपूर्वक पढ़ेंगे, उनके जीवन में बदलाव आना स्वाभाविक है. उनकी सोच और कार्य करने की शैली में रचनात्मकता पैदा होगी. लेखक ने यह भी अपील की है कि इस किताब को जरूर पढ़ें और उन लोगों तक पहुंचाने की कोशिश करें जो अपने जीवन में कुछ अलग और बड़ा करना चाहते हैं, साथ ही जो लोग हताश हैं और मानसिक तनाव के शिकार हैं, उनके लिए भी यह किताब बहुत मददगार हो सकती है.