Bokaro : बीएसएल संचालित बोकारो जेनरल अस्पताल (बीजीएच) के कर्मचारियों को नन प्रैक्टिस अलाउंस का भुगतान करने की मांग उठने लगी है. बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हरिओम ने बीजीएच के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को पत्र लिखकर कर्मचारियों को नन प्रैक्टिस अलाउंस देने की मांग की है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि बीजीएच के नियमित नर्सिंग स्टाफ को नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस की सुविधा नहीं दी जा रही है, जबकि दिल्ली समेत अन्य कई राज्यों में वहां की सरकार सरकारी अस्पतालों के कर्मियों को उक्त भत्ते का भुगतान कर रही है. भक्ते की राशि मूल वेतन का 20 फीसदी है. यही नहीं, सेल के अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों को भी यह अलाउंस दिया जा रहा है.
क्या है नन प्रैक्टिस अलाउंस
सभी सरकारी व पीएसयू के अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों को ड्यूटी के बाद प्रैक्टिस या निजी तौर पर मरीजों का इलाज नहीं करना है. इसके एवज में उन्हें नन प्रैक्टिस अलाउंस का भुगतान किया जाता है. सेल के अस्पतालों मे कार्यरत डॉक्टरों को उनके मूल वेतन का 20 प्रतिशत नन प्रैक्टिस अलाउंस के रूप में प्रति माह दिया जाता है. जबकि कर्मचारियों को इससे वंचित रखा गया है. बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ (बीएकेएस) के अध्यक्ष हरिओम ने कहा कि बीएसएल कर्मियों के शोषण की प्रयोगशाला बन गई है. कर्मचारियों की मेहनत की बदौलत सेल महारत्न कंपनी बनी, लेकिन प्रबंधन उनका शोषण कर रहा है और सुविधाओं का लाभ डॉक्टरों को दिया जा रहा है.
यह भी पढ़ें : झारखंड के 12.59 लाख उपभोक्ताओं को नहीं मिला बिजली बिल, रांची के हैं 2.30 लाख कंज्यूमर्स