Ranchi : पूर्व स्पीकर और झामुमो सदस्य शशांक शेखर भोक्ता ने अपनी व्यथा सोशल मीडिया के जरिए साझा की है. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय पार्टियां पारिवारिक पार्टी के रूप में काम करती हैं, जहां सामूहिक निर्णय नहीं होकर व्यक्तिगत निर्णय होते हैं.
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झारखंड स्थापना दिवस का सिलसिला टूट गया
शशांक ने कहा कि 34 साल से चला आ रहा 2 फरवरी का झारखंड स्थापना दिवस का सिलसिला टूट गया. उन्होंने कहा कि आम कार्यकर्ता जाएं तो कहां जाएं, राजा के कनखियों के इशारे पर टिका संगठन है.
झारखंड आंदोलनकारी होने पर गर्व
शशांक ने कहा कि वे झारखंड आंदोलनकारी हैं, इसका उन्हें फख्र है. उन्होंने कहा कि झारखंड की लड़ाई आदिवासियों ने लड़ी, लेकिन मूलवासी, दलित, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों की भी झारखंड निर्माण आंदोलन में भागीदारी थी.
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