NewDelhi : 1984 के सिख विरोधी दंगे से जुड़े दिल्ली के सरस्वती विहार हिंसा मामले में दोषी करार दिये गये कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाई गयी है. हालांकि दिल्ली पुलिस और दंगा पीड़ितों ने इस हत्याकांड को रेयरेस्ट ऑफ रेयर की कैटेगरी में रख कर सज्जन कुमार के लिए फांसी की सजा की मांग की थी.
#WATCH | Delhi | Delhi’s Rouse Avenue court awards life sentence to Sajjan Kumar in the 1984 anti-Sikh riots case | Advocate HS Phoolka says, “Delhi’s Rouse Avenue court has awarded life imprisonment to Sajjan Kumar in two cases – murder and setting houses on fire…In the… pic.twitter.com/RqoC8tG8SX
— ANI (@ANI) February 25, 2025
#WATCH | Delhi Minister Manjinder Singh Sirsa says, “Sajjan Kumar has been awarded life imprisonment. I thank PM Modi and Union HM Amit Shah for constituting SIT and opening the case again. These cases were closed for 35 years and people like Sajjan Kumar, Jagdish Tytler, Kamal… https://t.co/2DU9Ktrl2e pic.twitter.com/Tm0QHCoQ0G
— ANI (@ANI) February 25, 2025
#WATCH | Delhi: Sikh leader Gurlad Singh says, “We will not accept anything less than the death penalty. We are not happy with the verdict of the court. We will appeal to the govt to go to a higher court and announce death penalty for Sajjan Kumar…” https://t.co/2DU9Ktrl2e pic.twitter.com/TnB6e5JlIc
— ANI (@ANI) February 25, 2025
पुलिस ने कोर्ट के समक्ष लिखित दलील दी थी कि यह मामला निर्भया केस भी कहीं ज्यादा संगीन है. कहा था कि निर्भया केस में एक महिला को टारगेट किया गया था, लेकिन यहां पर एक समुदाय विशेष के लोगों को टारगेट पर लिया गया.
सिखों का कत्लेआम मानवता के खिलाफ अपराध
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा था कि 1984 में सिखों का कत्लेआम मानवता के खिलाफ अपराध है. समुदाय विशेष को टारगेट किया गया. दलील दी थी कि इन दंगों ने समाज की चेतना को झकझोर कर रख दिया था. इस मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने ही पूर्व में सज्जन कुमार को दोषी माना था. जान लें कि सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा दूसरी बार सुनाई गई है. वह अभी दिल्ली कैंट मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं.
सिख नेता ने कहा, मौत की सजा से कम मंजूर नहीं
सिख नेता गुरलाद सिंह ने कहा कि हमें मौत की सज़ा से कम कुछ भी मंजूर नहीं है. हम अदालत के फ़ैसले से खुश नहीं हैं. हम सरकार से अपील करेंगे कि वह उच्च न्यायालय जाए और सज्जन कुमार के लिए मौत की सजा की घोषणा करे.
पिता-पुत्र की हत्या निर्मम तरीके से की गयी थी
एक नवंबर 1984 को दिल्ली के सरस्वती विहार इलाके में दो सिखों जसवंत सिंह और उनके बेटे तरूणदीप सिंह की निर्मम हत्या की गयी थी. उत्तरी दिल्ली के सरस्वती विहार थाने में इस घटना से संबंधित एफआईआर दर्ज हुई थी. बता दें कि रंगनाथ मिश्रा आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर शिकायत दर्ज की गयी थी.
सज्जन कुमार ने रियायत गुहार लगाई
फैसले से ठीक पहले सज्जन कुमार ने कोर्ट से गुहार लगाई कि उनकी सजा में रियायत बरती जाये. उन्होंने कहा कि इस मामले में मुझे फांसी की सजा देने का कोई आधार नहीं बनता है. सज्जन कुमार ने कहा, ”मैं 80 साल का हो गया हूं. बढ़ती उम्र के साथ कई बीमारियों से जूझ रहा हूं. 2018 से जेल में बंद हूं. उसके बाद से मुझे कोई फरलो/ परोल नहीं मिली है.
अगला नंबर जगदीश टाइटलर और कमल नाथ का है : मनजिंदर सिंह सिरसा
दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है. कहा कि मैं एसआईटी गठित करने और मामले को फिर से खोलने के लिए पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देता हूं. ये मामले 35 साल तक बंद थे और सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर, कमल नाथ जैसे लोग सीएम और सांसद के रूप में खुलेआम घूमते थे. हम मौत की सजा की उम्मीद कर रहे थे. अगर हमें मौत की सजा के लिए हाई कोर्ट में अपील करनी है तो हम तय करेंगे. अब अगला नंबर जगदीश टाइटलर और कमल नाथ का है.
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