NewDelhi : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के जवाबी टैरिफ (reciprocal tariffs) लगाये जाने को लेकर वैश्विक चिंताओं के बीच अपने अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो से बात की. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर यह जानकारी दी है. कहा कि दोनों नेता द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के महत्व पर सहमत हुए हैं.
Good to speak with @SecRubio today.
Exchanged perspectives on the Indo-Pacific, the Indian Sub-continent, Europe, Middle East/West Asia and the Caribbean.
Agreed on the importance of the early conclusion of the Bilateral Trade Agreement.
Look forward to remaining in touch.…
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) April 7, 2025
चीन के रुख से अलग उलट भारत ने reciprocal tariffs नहीं लगाया है.
बता दें कि चीन सहित कुछ अन्य देशों के रुख से अलग उलट भारत ने reciprocal tariffs नहीं लगाया है. भारत ने ऐसा व्यापार समझौते का रास्ता चुना है जो दोनों देशों के हितों और संवेदनशीलताओं को साध सके. जानकारों के अनुसार दोनों देशों की बातचीत का मुख्य फोकस बाजार तक पहुंच बढ़ाने, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने और सप्लाई चेन के एकीकरण को मजबूत करने पर है.
भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाये जाने के बाद पहली उच्च स्तरीय बातचीत
यह जानना जरूरी है कि जयशंकर और रुबियो के बीच यह बातचीत उस दिन हुई, जब ट्रंप द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ लगाये जाने और संभावित व्यापार युद्ध की आशंका से वैश्विक बाजार में भूचाल आ गया था. बता दें कि यह जयशंकर और रुबियो की, अमेरिका द्वारा पिछले सप्ताह भारत सहित कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ (भारत पर 26%) लगाये जाने के बाद, पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी.
जयशंकर ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, इंडो-पैसिफिक, भारतीय उपमहाद्वीप, यूरोप, मध्य पूर्व/पश्चिम एशिया और कैरिबियन पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ. द्विपक्षीय व्यापार समझौते के शीघ्र समापन के महत्व पर सहमति बनी.
इस क्रम में भारत ने यह भी कहा कि उसने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया, यूएई, स्विट्जरलैंड और नॉर्वे जैसे देशों के साथ पारस्परिक लाभकारी व्यापार समझौतों के तहत अपने औसत टैरिफ को पहले से ही काफी हद तक कम कर दिया है.
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