Ranchi : झारखंड बने 24 साल बीत चुके हैं, लेकिन अब तक अमर शहीद वीर बुधु भगत की प्रतिमा अरगोड़ा चौक पर स्थापित नहीं हो सकी है. यह वही चौक है, जिससे होकर राज्य का प्रशासनिक नेतृत्व -मुख्यमंत्री, विधायक, सांसद और वरिष्ठ अधिकारी गुजरते हैं. फिर भी इस ऐतिहासिक स्थल की उपेक्षा अब तक जारी है.
बुधु भगत चौक, जो आदिवासी गर्व, बलिदान और संघर्ष का प्रतीक बन सकता था, आज प्रशासनिक और राजनीतिक उदासीनता का शिकार हो चुका है. चौक पर प्रतिमा के नाम पर केवल 8-10 एमएम की एक लोहे की छड़ गाड़ी गई है, जो अब जंग खा चुकी है. एक छोटा-सा पत्थर रखा गया है, जिसमें बुधु भगत की जन्म तिथि और शहादत की तारीख अंकित है.
चौराहे को सरना झंडा, भगवा झंडी और विभिन्न राजनीतिक दलों के झंडों से घेरकर औपचारिकता निभाई जा रही है. चबूतरे के बीचों-बीच कुछ ईंटें रखी गई हैं, जिससे स्थान की बदहाली और अधिक उजागर हो जाती है.
यह न केवल वीर बुधु भगत के सम्मान के साथ अन्याय है, बल्कि झारखंड की अस्मिता के साथ भी एक बड़ा खिलवाड़ है.हूही मोर्चा के अध्यक्ष प्रदीप उरांव ने कहा कि झारखंड राज्य गठन के इतने वर्षों बाद भी वीर बुधु भगत की प्रतिमा अब तक नहीं लग पाई है. यह स्थल न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है, बल्कि आदिवासी गौरव का प्रतीक भी है.
इसे उसकी गरिमा के अनुरूप स्वरूप दिया जाना चाहिए.उन्होंने आगे कहा कि बुधु भगत चौक पर न केवल भव्य प्रतिमा लगाई जानी चाहिए, बल्कि पूरे चौराहे का सौंदर्यीकरण भी होना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश मिल सके कि जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया, उन्हें भुलाया नहीं जा सकता.