Kolkata: पश्चिम बंगाल कैडर के तीन आईपीएस अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर ममता बनर्जी ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने लिखा है कि राज्य की आपत्ति के बावजूद पश्चिम बंगाल के 3 सेवारत IPS अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति का केंद्र सरकार का आदेश, IPS कैडर नियम 1954 के आपातकालीन प्रावधान का घोर दुरुपयोग है. यह अधिनियम राज्य के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करने वाला है.
We wouldn’t allow this brazen attempt by the Centre to control the State machinery by proxy! West Bengal is not going to cow-down in front of expansionist & undemocratic forces. (3/3)
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 17, 2020
This act is nothing but a deliberate attempt to encroach upon State’s jurisdiction & demoralize the serving officers in WB. This move, particularly before the elections is against the basic tenets of the federal structure. It’s unconstitutional & completely unacceptable! (2/3)
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 17, 2020
GoI’s order of central deputation for the 3 serving IPS officers of West Bengal despite the State’s objection is a colourable exercise of power and blatant misuse of emergency provision of IPS Cadre Rule 1954. (1/3)
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 17, 2020
ममता बनर्जी ने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि यह कदम, राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार का अतिक्रमण है और प. बंगाल में कार्यरत अधिकारियों के मनोबल को तोड़नेवाला है. खासतौर पर उस परिस्थिति में जब राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं, उसके पहले यह कदम उठाना संघीय ढांचे के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है. ममता ने केंद्र सरकार के इस निर्णय को असंवैधानिक और पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया है.
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ममता ने कहा कि केंद्र द्वारा राज्य की मशीनरी को प्रतिनिधि के माध्यम से नियंत्रित करने का यह प्रयास हमें मंजूर नहीं है. हम इस प्रयास को अनुमति नहीं देंगे! उन्होंने लिखा पश्चिम बंगाल विस्तारवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों के सामने समर्पण नहीं करेगा.