NewDelhi : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य व जिलानी बाबरी मस्जिद ऐक्शन कमिटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने अयोध्या में प्रस्तावित मस्जिद को अवैध करार दिया है. जिलानी ने बुधवार को कहा कि पिछले साल SC के फैसले के बाद अयोध्या में प्रस्तावित मस्जिद वक्फ अधिनियम के खिलाफ और शरियत कानूनों के तहत अवैध है.
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यह अवैध नहीं हो सकती : अतहर हुसैन
जवाब में अयोध्या में मस्जिद के निर्माण के लिए बनाये गये न्यास के सचिव अतहर हुसैन ने कहा कि हर कोई शरियत की व्याख्या अपने तरीके से करता है और जब जमीन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत आवंटित हुई है तो यह अवैध नहीं हो सकती.
अयोध्या के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन पर बनने वाली मस्जिद और एक अस्पताल की अंतिम रूपरेखा शनिवार को लखनऊ में इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) के कार्यालय में पेश की गयी थी. उत्तर प्रदेश राज्य सुन्नी केंद्रीय वक्फ बोर्ड ने उक्त भूखंड पर मस्जिद और अन्य सुविधाएं विकसित करने के लिये आईआईसीएफ का गठन किया है.
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यह शरियत कानून का उल्लंघन है
जिलानी के अनुसार वक्फ अधिनियम के तहत मस्जिद या मस्जिद की जमीन किसी दूसरी चीज के बदले में नहीं ली जा सकती. कहा कि अयोध्या में प्रस्तावित मस्जिद इस कानून का उल्लंघन करती है. यह शरियत कानून का उल्लंघन करती है, क्योंकि वक्फ अधिनियम शरियत पर आधारित है.
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हम मुकदमा हार गये, इसलिए हमें मस्जिद के लिए जमीन नहीं चाहिए
एआईएमपीएलबी के एक अन्य कार्यकारी सदस्य एसक्यूआर इलियास का कहना है कि हमने मस्जिद के लिए किसी और स्थान पर जमीन के प्रस्ताव को खारिज किया था. हम मालिकाना हक का मुकदमा हार गये, इसलिए हमें मस्जिद के लिए जमीन नहीं चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि सुन्नी केंद्रीय वक्फ बोर्ड सरकार के दबाव में काम कर रहा है.
जमीन की अदला-बदली की इजाजत नहीं
यह मुद्दा एआईएमपीएलबी की कार्यकारी समिति की 13 अक्टूबर को आचोजित बैठक में सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने उठाया था. जान लें कि सभी सदस्यों की राय थी कि वक्फ अधिनियम में मस्जिद के लिए जमीन की अदला-बदली की इजाजत नहीं है. इसे शरियत कानून में अवैध माना गया है. हालांकि अतहर हुसैन ने कहा, शरिया की व्याख्या का अधिकार कुछ लोगों के हाथों तक ही सीमित नहीं है. कहा कि मस्जिद नमाज अदा करने की जगह है. अगर हम मस्जिद बना रहे हैं तो इसमें गलत क्या है.