Chatra: झारखंड में केंद्र की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार करने वाले लोगों को ग्रामीण विकास विभाग से संरक्षण प्राप्त है. मीडिया रिपोर्ट के आधार पर ग्रामीण विकास विभाग ने चतरा में गुम हो गई 40 सड़कों की जांच बैठाई थी. मनरेगा योजना से बननेवाली इन 40 सड़कोंं को कागजों पर ही बना कर पैसे की बंदरबांट करने का मामला सामने आया. इसमें जिला परियोजना पदाधिकारी सहित 7 संविदाकर्मियों को दोषी पाये जाने के बाद उन्हें बर्खास्त करने की अनुशंसा की गयी. अनुशंसा पर विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद जिला के सभी दोषी संविदाकर्मियों को कार्यमुक्त भी कर दिया गया. लेकिन योजनाओं में गड़बड़ी कर सरकारी राशि का गबन करने वाले जिला परियोजना पदाधिकारी फनिन्द्र कुमार गुप्ता तथा कार्यमुक्त सहायक अभियंता रंजीत कुमार को विभाग ने फिर से बहाल कर लिया. इसमें चतरा उपायुक्त सहित ग्रामीण विकास विभाग के कई वरीय अधिकारियों ने अपनी भूमिका निभाई.
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बर्खास्त होने के बाद फिर बहाली
आखिर मनरेगा योजना में गबन करनेवालों से विभाग के लोगों का क्या याराना है, यह जांच का विषय है. पुनः बहाल करने के खेल में ग्रामीण विकास विभाग के वरीय अधिकारियों की भी भूमिका बतायी जा रही है. पुनः बहाली के लिए सबसे पहले विभाग में आवेदन मांगा गया. इसके बाद जिला से अनुशंसा करने को कहा गया. फिर विभाग के स्तर पर उन आवेदनों की समीक्षा करने का खेल हुआ और इस संबंध में विभाग की ओर से 9 नवंबर 2020 को सरकार के अवर सचिव अलोक कुमार उपायुक्त चतरा को पत्र भेजा, जिसमें लिखा कि फनिन्द्र कुमार गुप्ता कार्यमुक्त परियोजना पदाधिकारी एवं रंजीत कुमार कार्यमुक्त सहायक अभियंता को चतरा उपायुक्त की अनुशंसा को इस शर्त पर स्वीकार कर लिया गया कि दोनों बर्खास्त संविदाकर्मी अपने बर्खास्तगी की अवधि का वेतन नहीं लेंगे. इसी पत्र में अन्य दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध गठित आरोप की अद्यतन सूचना भी मांगी गयी.
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किस कारण दोषी पाये गये संविदाकर्मी
प्रतापुर प्रखंड की कई पंचायतों में मनरेगा योजना में गड़बड़ी के मामले में विभागीय जांच के बाद जो तथ्य सामने आये, उनमें सिजुआ, योगियारा, टंडवा, प्रतापुर, चन्द्री, गोविंदपुर पंचायत की मनरेगा योजनाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पायी गयी. जांच में 40 सड़कें गायब पायी गयी हैं. वहीं कई पुराने तालाब को नया बताकर राशि निकाल ली गयी है. इन पंचायतों के मुखिया पर भी कार्रवाई करने की बात सामने आयी थी. जांच के बाद चतरा डीडीसी मुरली मनोहर प्रसाद को शोकॉज किया गया है. चतरा डीडीसी के द्वारा संविदाकर्मी फनिन्द्र गुप्ता को प्रधानमंत्री आवास योजना का नोडल पदाधिकारी बनाये जाने को लेकर शोकॉज किया गया है.
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