Akshay Kumar Jha
Ranchi/Dhanbad: बीसीसीएल एक तरफ कम आमदनी का रोना रो रहा है और दूसरी तरफ कंपनी का कोयला चोरी करने वाले मालामाल हो रहे हैं. बीसीसीएल के रेलवे साइडिंग से साइकिल या मोटरसाइकिल से नहीं, बल्कि ट्रकों से कोयला चोरी होती है और कंपनी देख कर भी आंखें बंद किये रहती हैं. प्रशासन ने मामले की जांच की, तो पता चला कि धनबाद में बीसीसीएल के जितनी भी रेलवे साइडिंग हैं, वहां से कोयले की चोरी होती है. खासकर सिजुआ, लोदना और बरोरा के रेल साइडिंग से कोयला चोरी होती है, जबकि कोयले की सुरक्षा के लिए कंपनी की अपनी सुरक्षा विभाग के साथ सीआईएसएफ भी तैनात है. सुरक्षा के इतने पुख्ता इंतजाम के बाद चोरी होना इस ओर साफ तौर पर इशारा करता है कि कंपनी की मिलीभगत से ही कोयला चोरी का काम हो रहा है.
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15 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन वरना एफआईआरः डीसी
बीसीसीएल के रेल साइडिंग से कोयला चोरी होने से न सिर्फ कंपनी, बल्कि खनन विभाग को भी करोडों का नुकसान हो रहा है, इसलिए अब धनबाद प्रशासन इसपर नकेल कसने की तैयारी कर रहा है. 18 दिसंबर को धनबाद डीसी उमाशंकर सिंह ने बीसीसीएल के सभी जीएम के साथ बैठक की. बैठक में कंपनी के सभी जीएम को निर्देश दिया गया कि ई-ऑक्शन की तरह रेल से ढोये जानेवाले कोयले का भी वजन खनन के तुरंत बाद करें, ताकि खनन विभाग को सही आंकड़ा पता चल पाये कि कितने कोयले का खनन किया गया है. इसी हिसाब से खनन विभाग कंपनी से राजस्व वसूलने का काम करेगा. साथ ही डीसी उमाशंकर सिंह ने साफ निर्देश दिया है कि 15 दिनों के अंदर JIMMS Portal पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही कोयले की ढुलाई खदान से रेल साइडिंग तक की जाये. अगर ऐसा नहीं किया गया, तो खनन विभाग को बीसीसीएल के परियोजना पदाधिकारियों पर एफआईआऱ दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है. प्रशासन के सख्त निर्देश के बाद बीसीसीएल के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है.
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कोयला चोरी होने पर ऑउटसोर्स कंपनी भी नपेगी
कोयला चोरी होने पर कंपनी के साथ ऑउटसोर्स करने वाली कंपनी की भी मिलीभगत बात सामने आयी है. प्रशासन ऑउटसोर्स कंपनी के साथ भी सख्ती से निबटने की योजना बना रहा है. डीसी उमाशंकर सिंह ने खनन विभाग को निर्देश दिया है कि एक हफ्ते के अंदर एक टास्क फोर्स का गठन किया जाये. टास्फोर्स की टीम में खनन विभाग के अधिकारी के साथ बीसीसीएल की सुरक्षा टीम के सदस्य और सीआईएसएफ की भी आला अधिकारी रहे. टास्क फोर्स को यह जिम्मा दिया गया है कि जांच के दौरान कोयला चोरी होने में जिनकी भी भूमिका संदिग्ध लगे, उस पर कार्रवाई हो. अगर आउटसोर्स कंपनी की भूमिका सामने आती है तो उस पर भी कार्रवाई हो.
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