LagatarDesk: दिसंबर महीने में देश के उत्पादन गतिविधियों में तेजी देखने को मिली. मैन्युफैक्चर्स ने एक बार फिर अपनी वस्तुएं तैयार करने के लिए अपना प्रोडक्शन बढ़ाया है. मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने अधिक मात्रा में कच्चा माल भी खरीदा है. आईएचएस मार्किट ने सोमवार को मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स जारी किया. दिसंबर 2020 का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) 56.4 पर रहा, जो नवंबर में 56.3 था. यह नवंबर महीने से थोड़ा अधिक है.
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उत्पादन में वृद्धि और संकुचन को मापता है PMI
PMI मासिक आधार पर दिसंबर में उत्पादन संबंधी गतिविधियों में तेजी देखने को मिली है. PMI में 50 से ऊपर का आंकड़ा तेजी या वृद्धि को दर्शाता है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा संकुचन को इंगित करता है. इस तरह यह लगातार पांचवां महीना है जब देश की उत्पादन गतिविधियों में वृद्धि हुई है.
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पॉलिएना डी लीमा : भारत की अर्थव्यवस्था में हो रही है सुधार
आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्र की सहायक निर्देशिका पॉलिएना डी लीमा ने कहा कि भारत के वर्तमान उत्पादन क्षेत्र के PMI से पता चलता है कि भारत की अर्थव्यवस्था सुधर रही है. उन्होंने कहा कि पूरे उत्पादन क्षेत्र में कारोबार की परिस्थितियों में सुधार हो रहा है. जिन तीन क्षेत्रों पर गौर किया जा रहा है, सभी में बिक्री और उत्पादन दोनों क्षेत्रों में विस्तार हो रहा है. मांग में वृद्धि और सुरक्षित भंडार के कारण उत्पादन में और अधिक तेजी आयी है.
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भारतीय वस्तुओं की अंतरराष्ट्रीय मांग में वृद्धि
सर्वेक्षण के अनुसार, दिसंबर में भारतीय वस्तुओं की अंतरराष्ट्रीय मांग बढ़ी है. कोविड महामारी के कारण उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ा है. इसके कारण चार महीने के दौरान दिसंबर में निर्यात सबसे धीमी गति के साथ वृद्धि हुई. रोजगार पक्ष को देखें, तो दिसंबर महीने में रोजगार में कमी आयी है. यह लगातार नौवां महीना है जब रोजगार की स्थिति बहुत खराब है.
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