Gomiya : बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड में निलंबित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अमिताभ झा के साथ गड़बड़ी में बीआरसी के लेखापाल और सीआरपी की भूमिका भी जांच में संदिग्ध पायी गयी थी, लेकिन आज तक दोनों पर आगे किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई. लिहाजा सरकार से मिले गये लाखों रुपये के आवंटन में हेराफेरी का मामला दब कर रह गया.
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ट्रेनिंग में लाखों रुपए आवंटित किये जाते हैं
दरअसल सरकार शिक्षा का स्तर दुरुस्त करने के लिए समय-समय पर शिक्षकों को तकनीकी ट्रेनिंग दी जाती है. इस ट्रेनिंग में लाखों रुपए आवंटित किये जाते हैं. उक्त राशि से शिक्षकों को ट्रेनिंग सहित भोजन की व्यवस्था की जाती है. प्रति शिक्षक लगभग पांच सौ रुपये का आवंटन होता है. गोमिया में लगभग आठ सौ शिक्षक हैं.
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खातों की जांच के बाद आया चौंकानेवाला तथ्य बाहर
आरोप के अनुसार निलंबित बीइइओ अमिताभ झा शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए दी गयी. राशि में से आधे से भी कम खर्च कर शेष राशि को अधीनस्थ कर्मचारियों के बैंक खाता में डाल कर निकाल लेते थे. बीआरसी में लेखापाल होरिल प्रजापति और बीईईओ के नाम संयुक्त बैंक खाता है. इन खातों की जांच की जाये, तो कई चौंकानेवाले तथ्य बाहर आयेंगे.
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जांच में आयेगा सामने
जानकारी के अनुसार गोमिया में कार्यरत सीआरपी बासुदेव प्रजापति की पत्नी रीता देवी के नाम से पैसे की निकासी की गयी है, जो नियम संगत नहीं है. नियम कहता है कि पचास हजार रुपये से ज्यादा का खर्च है, तो निकासी के लिए टेंडर किया जाता है. टेंडर के आधार पर ही राशि को खर्च किया जाना है, लेकिन बीईईओ और लेखापाल ने नियम विरुद्ध राशि निकासी की है. अगर जांच हुई तो सब सामने आ जायेगा. बीईईओ पर लगे आरोपों की जांच के लिए आरडीडीई मिथिलेश कुमार सिन्हा 25 नवंबर को आये थे, तो उस दौरान भी इस बात की जानकारी उन्हें दी गयी थी, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया.
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