Ranchi: फिजिकल कोर्ट की मांग को लेकर शुरू हुआ अधिवक्ताओं का आंदोलन बुधवार से उग्र रूप ले सकता है. रांची जिला बार एसोसिएशन के प्रशासनिक सचिव पवन खत्री ने कहा है कि बुधवार को अगर वर्चुअल कोर्ट की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव नहीं किया गया. तो रांची सीविल कोर्ट में तालाबंदी भी की जा सकती है.रांची के सभी वकीलों से आग्रह किया गया है कि बुधवार को रांची सिविल कोर्ट परिसर में बैठक की जायेगी. जिसके बाद आपसी सहमति से आंदोलन की शुरुआत की जायेगी और अगर जरूरत पड़ी तो आरडीबीए के अधिवक्ता खुद को न्यायिक कार्यों से दूर रखेंगे, सभी अधिवक्ताओं से आग्रह भी किया गया है कि बुधवार को वर्चुअल माध्यम से किसी भी मामले में उपस्थित न हों.
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फिजिकल कोर्ट के लिए आरपार की लड़ाई का किया एलान
इस बीच दिसम्बर के अंत में झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने भी फिजिकल कोर्ट के लिए आरपार की लड़ाई का एलान किया था. जनरल बॉडी की बैठक में यह तय किया था. कि रेगुलर कोर्ट शुरू करने की मांग को लेकर स्टेट बार काउंसिल का एक प्रतिनिधिमंडल लिखित मांग पत्र झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को सौंपेगा. इस मुलाकात में अगर रेगुलर कोर्ट की दिशा में उचित आश्वासन नहीं मिलने की सूरत में 5 काउंसिल कोई ठोस निर्णय लेगा. जिसके बाद हाईकोर्ट के द्वारा 8 जनवरी को काउंसिल के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात का समय तय किया है.
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अधिवक्ता 15 दिनों से फिजिकल कोर्ट की कर रहे मांग
झारखंड स्टेट बार काउंसिल के मीडिया संयोजक संजय विद्रोही के मुताबिक पूरे राज्य भर में अधिवक्ताओं की आर्थिक स्थिति लॉकडाउन के दौरान बद से बदतर हो गई है. जिसकी वजह से बोकारो जिले के अधिवक्ता पिछले लगभग 15 दिनों से फिजिकल कोर्ट की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. जबकि राज्य भर के जिला अदालतों में कार्यरत अधिवक्ता और हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं में भी रोष पनप रहा है. और अब यह रोष जल्द ही फूटने वाला है.
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