Ranchi: भाजपा के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने ओरमांझी में हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना को वीभत्स बताते हुए कहा है कि हेमंत सरकार राज्य की बेटियों को सुरक्षा देने में पूर्ण रूप से विफल साबित हुई है. राज्य में लॉलेसनेस की स्थिति है. एक वर्ष में 1765 बेटियों की इज्जत तार-तार हुई है. यानि प्रत्येक दिन पांच दुष्कर्म व पांच हत्या की घटनाएं घट रही हैं. साहेबगंज, बरहेट से लेकर रामगढ़ व रांची राजधानी की महिलाएं भी सुरक्षित नहीं हैं.
ओरमांझी की घटना को निर्भया कांड से भी बड़ी घटना बताते हुए मरांडी ने कहा कि पुलिस अपराधी को पकड़ना तो दूर, लड़की की पहचान और सिर नहीं ढूंढ पाई है. यह सरकार और प्रशासन की विफलता है.
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आंदोलन को गुंडागर्दी घोषित करने पर तुली सरकार
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले को रोकने की घटना पर मरांडी ने कहा कि जनता सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आई है. दुर्भाग्य है कि सरकार इस आंदोलन को गुंडागर्दी घोषित करने पर तुली है. सरकार आम लोगों पर या टारगेट कर भाजपा कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की तो पूरे राज्य में पार्टी आंदोलन करेगी.
उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन आम लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में जुटी है. सच यह है की राज्य का तंत्र फेल हो चुका है. मुख्यमंत्री का रास्ता अवरोध होता है और पुलिस को खबर तक नहीं होती है. इसमें पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने की बजाय जनता पर कार्रवाई उचित नहीं है. सरकार यह बताने का कष्ट करे कि मामले में अब तक कितने अफसरों पर कार्रवाई की हुई है.
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राज्य में कानून व्यवस्था चौपट
महापौर आशा लकड़ा ने कहा कि कुछ लोग आदिवासी मुख्यमंत्री के नाम पर भावनात्मक खेल खेल रहे हैं. जबकि सच यह है कि राज्य में आदिवासियों की स्थिति इस सरकार में सबसे ज्यादा खराब है. पिछले एक वर्ष में 600 आदिवासियों के साथ दुष्कर्म हुआ है, जबकि 412 दलित बेटियों के साथ दुष्कर्म हुआ है. 432 ऐसे पीड़ित हैं जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है.
उन्होंने ओरमांझी थाना क्षेत्र की एक दूसरी घटना का जिक्र किया. कहा कि एक युवती के साथ जब दुष्कर्म हुआ तो थानेदार पीड़िता से ही दुष्कर्म का सबूत मांगने लगा. यह दोहरा दुष्कर्म के बराबर है. ऐसे थानेदार व पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. सरकार कार्रवाई करे अन्यथा बीजेपी सड़क पर उतरने को विवश होगी.
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