London : विकिलीक्स के सह-संस्थापक जूलियन असांजे अमेरिका प्रत्यर्पित नहीं किये जायेंगे. खबर है कि ब्रिटेन की एक न्यायाधीश ने ऑस्ट्रेलिया के 49 वर्षीय नागरिक जूलियन असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित करने का अमेरिकी आग्रह ठुकरा दिया है. असांजे पर जासूसी के आरोप हैं. अमेरिकी अभियोजकों ने असांजे पर जासूसी के 17 आरोप लगाये हैं. एक आरोप कंप्यूटर के दुरुपयोग का भी है. बता दें कि इन आरोपों में अधिकतम सजा 175 साल कैद है. अमेरिकी सरकार इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी.
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असांजे को अमेरिका भेजा जाता है तो वह आत्महत्या कर सकते हैं
अदालत के अनुसार असांजे की मानसिक स्थिति को देखते हुए, उन्हें प्रत्यर्पित करने की इजाजत देना अत्याचार होगा. जिला न्यायाधीश वैनिसा बराइटसेर ने कहा कि अगर असांजे को अमेरिका भेजा जाता है तो वह आत्महत्या कर सकते हैं. एक दशक पूर्व लीक हुए सेना एवं राजनयिक दस्तावेजों को विकिलीक्स द्वारा प्रकाशित करने को लेकर असांजे पर आरोप हैं.
जूलियन असांजे के वकीलों ने दलील दी है कि वह पत्रकार के तौर पर काम कर रहे थे, इसलिए वह दस्तावेजों को प्रकाशित करने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत संरक्षण के हकदार हैं. इन दस्तावेजों में अमेरिकी सैनिकों द्वारा इराक और अफगानिस्तान में किये गये कथित गलत कामों के बारे में जानकारी है.
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असांजे क्लीनिकल अवसाद से पीड़ित हैं
बता दें कि न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के इस दावे को खारिज किया कि असांजे अभिव्यक्ति की गारंटी द्वारा संरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि अगर उनका आचरण साबित किया गया तो वह इस अधिकार-क्षेत्र में अपराध के समान होगा जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उनके अधिकार से संरक्षित नहीं होगा. न्यायाधीश ने कहा कि असांजे क्लीनिकल अवसाद से पीड़ित हैं जो पृथक रहने से और बढ़ेगा. उन्हें अमेरिका की जेल में अलग ही रखे जाने की संभावना है.
न्यायाधीश ने कहा कि असांजे के पास मेधा और दृढ़संकल्प है जो अधिकारियों के आत्महत्या रोकथाम को लेकर उठाये जाने वाले कदमों को नाकाम कर सकता है. इससे पहले असांजे की कानूनी टीम ने अमेरिका पर राजनीति से प्रेरित अभियोजन चलाने का आरोप लगाया था, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित जानकारियों को हासिल करने एवं प्रकाशित करने को अपराध बताने की कोशिश की गयी है.
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असांजे को 2010 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था
दूसरी ओर अमेरिकी सरकार के वकीलों ने इस बात से इनकार किया है कि असांजे के खिलाफ अभियोजन मात्र लीक दस्तावेजों को प्रकाशित करने के लिए चलाया जा रहा है, बल्कि मामले का बड़ा हिस्सा राजनयिक केबल (संवाद) और सैन्य फाइलों को चुराने में अवैध संलिप्तता पर आधारित है. जान लें कि असांजे को 2010 में स्वीडन के आग्रह पर लंदन में उन गिरफ्तार किया गया था.
स्वीडन दो महिलाओं द्वारा लगाये गये बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर असांजे से पूछताछ करना चाहता था. स्वीडन भेजे जाने से बचने के लिए असांजे ने 2012 में लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में शरण ली थी. इस तरह वह ब्रिटेन और स्वीडन के अधिकारी की पहुंच से दूर हो गये. अप्रैल 2019 में दूतावास से बाहर आने पर ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें जमानत लेकर भागने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था.