Patna: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से जनता की समस्याओं को सुनने की तैयारी कर रहे हैं. नीतीश कुमार सातवीं बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप अपना कार्य शुरू कर चुके हैं. उन्होंने ऐलान किया है कि कोरोना खत्म होने के बाद इसकी शुरुआत कर दी जाएगी. सरकार के इस फैसले के बाद बिहार में सियासत का दौर भी शुरू हो गया है. राजद नेता और पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने सीएम के इस पर फैसले पर निशाना साधा है.
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पुरानी छवि पाना चाहते हैं नीतीश
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2020 में सत्ता संभालने के बाद से अपनी पुरानी छवि बनाने पर काम कर रहे हैं. जब तक वह बीजेपी में रहेंगे तब तक उनका चेहरा धूमिल होता रहेगा. बीजेपी चेहरे को खत्म करना चाहती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले यह बताएं कि इस कड़ाके की ठंड और बारिश में किसान सड़क पर हैं. उन पर एक बयान नहीं आया है. बिहार में किसानों को 10 रुपए किलो धान बेचना पड़ रहा है.
उदय नारायण चौधरी ने कहा कि राज्य में बेरोजगारों की फौज है. अहम बात यह कि यदि उन्हें जनता की ही सुननी है तो लोगों की समस्या सुनें. अपने आवास पर उन तमाम लोगों को आने दें जो आकर उनको समस्याएं सुनाना चाहते हैं. पुलिस वाले स्कैनिंग करते हैं. पूछते हैं कहां से आए हो. क्यों आए हो. उसके बाद 10, 20, 50 की संख्या में चुने गए लोगों से फरियाद सुनते हैं. इससे कुछ होने वाला नहीं है.
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विपक्ष का आरोप बेबुनियाद
इस मामले पर जेडीयू ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. जेडीयू नेता सुहेली मेहता ने कहा है कि विपक्ष बेबुनियाद आरोप लगाता है. नीतीश कुमार जनता के बीच रहने वाले नेता हैं. कोविड की वजह से कुछ दिनों के लिए जनता दरबार कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था. लेकिन अब लोक शिकायत निवारण के जरिए लोगों की शिकायतें दूर की जा रही हैं.
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