Ranchi: ऐसा कम ही देखा जाता है कि कोई सरकारी अधिकारी बिना सूचना के मुख्यालय ना आये. लेकिन गढ़वा डीएमओ योगेंद्र बड़ाईक ऐसा ही कर रहे हैं. योगेंद्र बड़ाईक 25 दिंसबर से 31 दिसंबर तक सूचना के साथ अवकाश पर थे. लेकिन 31 दिसंबर के बाद भी वो कार्यालय नहीं लौटे हैं.
चार जनवरी को गढ़वा डीसी राजेश पाठक को जिले में अवैध खनन की सूचना मिली, तो उन्होंने औचक निरीक्षण कराने के लिए डीएमओ को तलब किया. पता चला कि वो अपने कार्यालय नहीं आ रहे हैं. उन्हें फोन भी किया गया. लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया. आखिरकार उन्हें खनन सचिव को चिट्ठी लिखकर दूसरे खनन पदाधिकारी देने का आग्रह करना पड़ा.
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डीसी के निर्देशों का पालन भी नहीं करते डीएमओ
ऐसा नहीं है कि डीएमओ योगेंद्र बड़ाईक सिर्फ अपने कार्यालय से लापता हैं. उनपर और भी संगीन आरोप डीसी गढ़वा की तरफ से लगाया जा रहा है. खनन सचिव को लिखी चिट्ठी में डीसी ने कहा है कि अवैध खनन को रोकने के लिए टास्क फोर्स का निर्माण किया गया है. खनन विभाग की बैठकों में अवैध खनन रोकने के लिए जो निर्देश डीएमओ को दिये जाते हैं. उन निर्देशों का पालन भी डीएमओ नहीं करते हैं.
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बिगड़ सकता है लॉ एंड ऑर्डरः डीसी
डीसी ने सचिव को लिखी चिट्ठी में कहा है कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि, गढ़वा में लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ सकता है. दरअसल हाल ही में गढ़वा में अवैध खनन जोर-शोर से हो रहा था. नदी में जेसीबी उतारकर खनन कर बालू की अवैध ढुलाई करायी जा रही थी. लगातार ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद जिला प्रशासन ने हरकत में आया था.
लगातार की टीम ने जब जिला के डीसी और डीएमओ से बात की थी. तो उन्होंने माना था कि अवैध खनन हो रहा है. अब एसडीएम की तरफ से बालू के अवैध खनन और परिवहन पर नकेल कसा जा रहा है. कई गाड़ियां एसडीएम की तरफ से पकड़ी गयी हैं. गाड़ियां संबंधित थानों में खड़ी हैं. लेकिन कार्रवाई के लिए डीएमओ साहब ही नहीं हैं. ऐसे में डीसी ने लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने की बात सचिव से कही है. साथ ही दूसरे डीएमओ को गढ़वा भेजने का आग्रह किया है.
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