NewDelhi : कोरोना वायरस महामारी का प्रभाव गणतंत्र दिवस समारोह पर पड़ने की खबर है. पिछले सात दशक में चौथी बार देश में गणतंत्र दिवस का समारोह बिना किसी अतिथि के मनाया जायेगा.
गणतंत्र दिवस समारोह में इस बार कोरोना प्रोटोकॉल और सादगी का सख्ती से पालन होगा. इस अवसर पर निकलने वाली परेड पहले की तुलना में आधी यात्रा ही करेगी. इस बार सीमित संख्या में ही लोग परेड का आनंद ले पायेंगे.
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2020 में कई कार्यक्रमों, समारोहों पर कोविड-19 का प्रभाव पड़ा
बता दें कि 2020 में कई कार्यक्रमों, समारोहों पर कोविड-19 का प्रभाव पड़ा. इन्हें या तो रद्द करना पड़ा या फिर ऑनलाइन ही आयोजित किया गया. हालांकि धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से चीजें खुलीं, लेकिन अब भी कई क्षेत्रों पर महामारी का असर दिखाई दे रहा है.
सूत्रों के अनुसार इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में कोई मुख्य अतिथि नहीं होगा. जान लें कि इस बार रिपब्लिक डे पर ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन को आमंत्रित किया गया था, जिसे उन्होंने स्वीकार भी कर लिया था. लेकिन कोरोना महामारी के प्रकोप से ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने चीफ गेस्ट बनने में असमर्थता जताई. इसके बाद मोदी सरकार ने फैसला लिया कि इस बार कोई गेस्ट नहीं होगा. यह चौथा मौका है, जब देश का गणतंत्र दिवस समारोह बिना मुख्य अतिथि के होगा.
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कब-कब हुआ बिना अतिथि के समारोह
बता दें कि पिछले सात दशक में ऐसा तीन बार पहले भी हो चुका है, जब गणतंत्र दिवस समारोह बिना अतिथि के मनाया गया. 1952, 1953 और 1966 में गणतंत्र दिवस समारोह के लिए किसी को मुख्य अतिथि के रूप में नहीं बुलाया गया था.
इसके अलावा तीन बार इस समारोह के दो-दो मुख्य अतिथि थे. इनमें वर्ष 1956, 1968 और 1974 में समारोह के दौरान दो-दो मुख्य अतिथि थे. दो वर्ष पूर्व 2018 में दस एशियाई देशों के शासनाध्यक्षों को समारोह का मुख्य अतिथि बनाया गया था.
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