Washington : भारतीय शेयर बाजार में अगले 50 साल तक तेजी का दौर रहेगा. यह भविष्यवाणी दिग्गज अमेरिकी निवेशक मार्क मोबियस (Mark Mobius) ने की है. मार्क ने कहा कि अपने मार्केट फंड का लगभग 50 फीसदी हिस्सा उन्होंने भारत और ताइवान के शेयर बाजारों में लगा दिया है. कहा कि ऐसा उन्होंने चीन के शेयर बाजारों में आयी भारी गिरावट को देखते हुए किया है. इस गिरावट की भरपाई करने के लिए भारत और ताइवान के शेयर बाजार बेहतर विकल्प हैं.
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भारत आज वहीं है, जहां चीन 10 साल पहले था
बता दें कि ब्लूमबर्ग टीवी को दिये एक इंटरव्यू में मार्क मोबियस कहा, भारतीय शेयर बाजार अगले 50 साल तक तेजी के दौर में रहेगा. हो सकता है कि बीच-बीच में कुछ समय के लिए मंदी का दौर आये., लेकिन यह बहुत लंबे समय तक और स्थाई नहीं रहेंगे. मोबियस के अनुसार उभरते भारतीय बाजार के शेयर हालांकि इस साल विकसित देशों के मुकाबले पीछे रह गये. लेकिन चीनी शेयरों के मुकाबले इनकी स्थिति काफी बेहतर रही है. मोबियस ने कहा, भारत आज वहीं है, जहां चीन 10 साल पहले था.
सभी राज्यों में एक जैसे नियम-कानून लागू करने की भारत सरकार की नीतियों से देश को दीर्घकालिक रूप से मदद मिलेगी. जान लें कि मार्क मोबियस द्वारा भारतीय बाजार में तेजी का यह आकलन ऐसे समय में किया गया है, जब मॉर्गन स्टैनली और नोमुरा होल्डिंग्स इंक ने भारतीय शेयर बाजार की रेटिंग घटाते हुए मंदी की आशंका जताई है.
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हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की इन बाजारों में सबसे बड़ी हिस्सेदारी
खबर है कि मोबियस इमर्जिंग मार्केट्स फंड (Mobius Emerging Markets Fund) के पास भारत और ताइवान के पोर्टफोलियो का 45 फीसदी हिस्सा है. फंड के तकनीकी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की इन बाजारों में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है. जानकारी के अनुसार सितंबर के अंत तक भारतीय सॉफ्टवेयर सेवा प्रदाता पर्सिस्टेंट सिस्टम्स लिमिटेड और ताइवानी चिप प्रौद्योगिकी प्रदाता, ईमेमरी टेक्नोलॉजी इंक, इसके सबसे बड़े हिस्से में शामिल थे. इस साल इन दोनों के शेयरों में दोगुने से ज्यादा का इजाफा हुआ है.
थोड़ा पीछे जायें तो भारतीय शेयर बाजार में पिछले साल बड़ी गिरावट आयी थी, लेकिन इसके बाद से बाजार लगातार बढ़त पर है. पिछले साल मार्च के मुकाबले अब तक बीएसई सेंसेक्स दोगुना से ज्यादा बढ़ चुका है. दूसरी तरफ चीन में नये बिजनेस नियमों के कारण सरकारी सख्ती बढ़ी है, जिससे कई कंपनियों के शेयर धड़ाम हो गये हैं.
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